लखनऊ, 28 अगस्त 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे लगभग 24 एकड़ क्षेत्रफल में ‘उर्मिला वन’ विकसित किया जाएगा। यह वन पूरी तरह प्राकृतिक रूप में होगा। इसमें सुरक्षा के लिए बाड़ लगाने जैसे कार्यों को छोड़कर कोई भी सिविल कार्य नहीं कराया जाएगा। इसको लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) द्वारा विकसित किया जाएगा।
LDA की अध्यक्ष एवं लखनऊ की कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने स्थल का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। LDA उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि पेपरमिल कॉलोनी, भीखमपुर के पास कुकरैल नदी से सटी लगभग 24 एकड़ भूमि को खाली कराया गया था। अब इस स्थान पर ‘उर्मिला वन’ विकसित किया जाएगा, जो शहरवासियों को स्वच्छ हवा प्रदान करेगा और पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाए जा रहे महाअभियान में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।
इस वन को मियावाकी पद्धति से विकसित किया जाएगा, जिससे यह एक सघन वन बनेगा। यहां लगाए जाने वाले पेड़-पौधों का चयन पर्यावरण को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इससे वायु शुद्धिकरण, छाया, शीतलता, मिट्टी सुधार, कटाव नियंत्रण और जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, कुकरैल नदी के किनारे का वनीकरण जल की गुणवत्ता में सुधार, बाढ़ को नियंत्रित करने, प्राकृतिक आवास और जैव विविधता को बनाए रखने और जलवायु को शुद्ध करने में सहायक होगा।
प्रथमेश कुमार ने बताया कि ‘उर्मिला वन’ को पूरी तरह प्राकृतिक स्वरूप में विकसित किया जाएगा। इसमें किसी भी तरह का सिविल कार्य नहीं होगा और पैदल चलने के रास्ते भी कच्चे बनाए जाएंगे। वन क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए चारों ओर चेन लिंक फेंसिंग का कार्य कराया जाएगा। वन में लगाए जाने वाले पेड़-पौधों की सिंचाई के लिए एक स्थायी व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत पूरे वन क्षेत्र में भूमिगत पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जिसमें निर्धारित दूरी पर पॉप-अप स्प्रिंकलर लगाए जाएंगे, जिससे पौधों को नियमित रूप से पानी मिल सकेगा।
लगाए जाएंगे विभिन्न प्रजातियों के पौधे
सहायक उद्यान अधिकारी कर्ण सिंह ने बताया कि ‘उर्मिला वन’ में बरगद, पीपल, पारस पीपल, पाकड़, पिलखन, आम, अमरूद, नीम, सैलिक्स, कैलामस, थ्रीविया नोडिफीलिया और गूलर जैसे पेड़ लगाए जाएंगे। इसके अलावा, अर्जुना, जामुन, बांस और नदी के किनारे कैना, लोटस, वॉटर लिली, कोलकेसिया, वॉटर ल्यूटस, सालविनिया और विटिवर जैसी प्रजातियों के पौधे भी लगाए जाएंगे, जो पानी में सीसा (लेड) की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करेंगे।