
दमोह, 8 अप्रैल 2025
मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक कथित फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की लापरवाही से सात मरीजों की मौत हो गई है। यही नहीं, साल 2006 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की भी सर्जरी इसी फर्जी डॉक्टर ने की थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। अब उनके बेटे ने पूरे मामले को उजागर करते हुए जांच की मांग की है।
नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को एमपी पुलिस ने उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है। उस पर फर्जी मेडिकल डिग्री के साथ इलाज करने और धोखाधड़ी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह भी सामने आया है कि यादव ने उस समय अपोलो अस्पताल, बिलासपुर में काम किया था।
पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला के बेटे प्रदीप शुक्ला ने आरोप लगाया कि यादव ने उनके पिता की हार्ट सर्जरी की थी, जिसके बाद वह 18 दिन वेंटिलेटर पर रहे और 20 अगस्त 2006 को उनकी मृत्यु हो गई। प्रदीप शुक्ला के अनुसार, उन्हें बताया गया था कि यादव एक विशेषज्ञ कार्डियोलॉजिस्ट हैं, जो लेजर तकनीक से सर्जरी करते हैं। लेकिन बाद में पता चला कि उसके पास कोई वैध डॉक्टरी डिग्री नहीं थी।
पूर्व विधायक के एक अन्य बेटे, रिटायर्ड जस्टिस अनिल शुक्ला ने भी यादव और संबंधित अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, अपोलो अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी ने पुष्टि की है कि यादव ने वहां 18-19 साल पहले सेवा दी थी और उनके संबंध में जानकारी एकत्र की जा रही है।
बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद तिवारी ने बताया कि अस्पताल से डिग्री, कार्यकाल और सर्जरी संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं और जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही और फर्जीवाड़े की गहराई को उजागर करता है, जिस पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।