
भोपाल, 3 मार्च 2025
भोपाल में एक दर्दनाक मामला सामने आया है यहा पर एक 82 वर्षीय होम्योपैथी डॉक्टर और उनकी 36 वर्षीय बेटी रविवार को अपने घर में मृत पाए गए, तथा उनके पास एक नोट मिला जिसमें अधिकारियों से उनके शवों को अध्ययन के लिए दान करने का आग्रह किया गया था।
कथित रूप से डॉक्टर हरिकिशन शर्मा द्वारा लिखे गए चार पृष्ठों के नोट में 80 वर्षीय शर्मा ने कहा है कि वह चार वर्ष पहले अपनी पत्नी को खोने के गम से उबर नहीं पाए हैं और उनकी बेटी, जो होम्योपैथ है, अपनी मां को खोने के बाद अवसाद में चली गई थी।
इलाके के पुलिस इंस्पेक्टर अवधेश सिंह तोमर ने पीटीआई को बताया कि शर्मा ने खुद को फांसी लगा ली। उन्होंने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चित्रा की मौत कैसे हुई। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
श्री तोमर ने बताया कि सुसाइड नोट में होम्योपैथ ने इच्छा जताई थी कि उनके शव एम्स भोपाल को दान कर दिए जाएं, ताकि मेडिकल छात्रों को मानव अंगों पर अध्ययन करने में मदद मिल सके।
शर्मा ने नोट में लिखा है कि उनकी पत्नी की मौत ने उन्हें भावनात्मक रूप से तोड़ दिया है और उनकी तबीयत भी ठीक नहीं है। साथ ही, डिप्रेशन से जूझ रही उनकी बेटी की देखभाल करना भी उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है, पुलिस अधिकारी ने बताया।
श्री तोमर ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक अपनी मृत्यु के बाद अपनी बेटी के भविष्य को लेकर भी चिंतित थे। उन्होंने कहा कि शर्मा ने बहुत पहले ही अपने बेटे को खो दिया था।
पिता-पुत्री की जोड़ी ने कोविड-19 महामारी के दौरान कड़ी मेहनत की और लोगों का इलाज किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा आपात स्थितियों के दौरान वे लोगों और पुलिस की बहुत मदद करते थे।
एक मरीज शर्मा के घर गया, जहां वह डिस्पेंसरी चलाते थे, लेकिन आधे घंटे तक किसी ने दरवाजा नहीं खोला। मरीज ने पड़ोसियों को बताया जिन्होंने घर में झांककर देखा कि शर्मा फंदे से लटके हुए हैं। श्री तोमर ने बताया कि इसके बाद उन्होंने पुलिस को फोन किया।






