NationalReligiousUttar Pradesh

महाकुंभ : आस्था, श्रद्धा और रोजगार का संगम, नाविकों की बदली तकदीर

अमित मिश्र

प्रयागराज, 8 मार्च 2025:

आस्था का महापर्व महाकुंभ प्रयागराज के नाविक समाज की आर्थिक खुशहाली का बड़ा माध्यम बना। करीब डेढ़ माह चले महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया तो आर्थिक रूप से कमजोर हजारों नाविकों के जीवन में खुशहाली आई। महाकुंभ के दौरान हुई कमाई से कई नाविक अब अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ अपनी बेटियों की शादी करने और पक्का घर बनाने का सपना साकार कर रहे हैं।

13,000 से अधिक नाविकों को मिला प्रत्यक्ष रोजगार

महाकुंभ में इस बार लगभग डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने नावों के जरिए त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई। प्रयागराज नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद के अनुसार इस दौरान 4,500 से अधिक चप्पू वाली नावें दिन-रात श्रद्धालुओं को संगम तक ले जाती रहीं। हर नाव पर तीन नाविकों की तैनाती थी, जिससे 13,000 से अधिक नाविकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला। प्रत्येक नाविक ने इस दौरान 8 से 9 लाख रुपये की कमाई की, जो उनके लिए आर्थिक मजबूती का बड़ा अवसर साबित हुआ।

सपने हुए साकार, धूमधाम से होगी बेटियों की शादी

महाकुंभ में हुई कमाई से नाविकों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है। संगम किला घाट पर नाव चलाने वाले बच्चा निषाद ने बताया कि वह अपनी दो बेटियों की शादी के लिए लंबे समय से पैसा जुटाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण असमर्थ थे। लेकिन इस महाकुंभ में अच्छी कमाई होने से अब बेटियों के हाथ पीले करने का सपना पूरा हो सकेगा।

अब अशोक निषाद का भी पक्का घर बनेगा

इसी तरह अशोक निषाद, जो पिछले तीन दशकों से बलुआ घाट और किला घाट के बीच नाव चला रहे हैं, अब महाकुंभ में हुई कमाई से पक्का घर बनाने और नई नाव खरीदने की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि मां गंगा की कृपा से इस बार नाविकों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है।

नाविकों को मिली स्किल ट्रेनिंग, बढ़ी आय

महाकुंभ में नाविकों की आय को बढ़ाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार ने उन्हें विशेष प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह के अनुसार सरकार के निर्देश पर नाविकों को स्किल ट्रेनिंग, आपदा प्रबंधन और डिजिटल पेमेंट की ट्रेनिंग दी गई। इस योजना को मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान के सहयोग से लागू किया गया, जिसमें 1,000 से अधिक नाविकों को प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण के बाद उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई और वे अब आधुनिक तरीकों से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button