महाकुंभ नगर, 15 जनवरी 2025:
उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 में एक ऐतिहासिक पहल हो रही है, जिसका उद्देश्य गौमाता को ‘राष्ट्रमाता’ का दर्जा दिलाना है। प्रयागराज के कुंभ क्षेत्र में आयोजित पंचदेव गौ प्रतिष्ठा महायज्ञ का नेतृत्व जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कर रहे हैं। इस महायज्ञ में 324 यज्ञ कुंड, 9 भव्य शिखर और 1,100 विद्वान आचार्य शामिल हैं। यज्ञ एक महीने तक प्रतिदिन 9 घंटे चलेगा, और इसमें सवा दो सौ करोड़ से अधिक आहुतियां दी जाएंगी।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य गौमाता को उनकी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस दिलाना बताया। उन्होंने कहा, “गौमाता भारतीय संस्कृति और सभ्यता की आधारशिला हैं।” इसके अलावा, उन्होंने सरकार से अपील की है कि गौहत्या को दंडनीय अपराध घोषित किया जाए और गौमाता को ‘राष्ट्रमाता’ का सम्मान दिया जाए।
स्वामी जी ने महायज्ञ के दौरान देशवासियों से अपील की कि वे सनातन धर्म की आध्यात्मिक शक्ति को समझें और इसे पूरी दुनिया के सामने लाने का प्रयास करें। इस महायज्ञ में देशभर के 543 सांसदों को आमंत्रित किया गया है, ताकि वे यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर गौमाता को ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करने का संकल्प लें।
महाराष्ट्र सरकार पहले ही गाय को राज्यपशु का दर्जा दे चुकी है, और अब शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के लिए प्रयासरत हैं। महाकुंभ 2025 में यह पहल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक बनकर उभरी है, और देशभर में गौमाता को उनका उचित सम्मान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।