वाराणसी, 19 सितंबर2024
काशी विश्वनाथ मंदिर में गुरुवार को बड़ा हादसा टल गया। दरसल, मंगला आरती के दौरान भोर में गर्भ गृह के बाहर पूर्वी द्वार के शिखर के ऊपर बिजली के तार में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। जिस तार में आग लगी वह गर्भगृह के अंदर जाता है। आग की लपट उठते ही श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई। सुरक्षाकर्मियों ने आनन फानन में श्रद्धालुओं को हटाने के साथ आग पर तुरंत काबू पा लिया। इस दौरान लगभग एक घंटे तक बाबा का दर्शन रुका रहा। स्थिति सामान्य होते ही भक्तों के लिए बाबा का दर्शन शुरू किया गया।
खबरों के मुताबिक, भोर में काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में मंगला आरती चल रही थी। तभी कुछ श्रद्धालुओं ने देखा गर्भगृह के बाहर शिखर पर बिजली के तार से आग की लपट उठ रही थी। जब तक श्रद्धालु कुछ समझ पाते, देखते ही देखते आग की लपट बढ़ गई। श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई। चीख पुकार सुनकर मौके पर तुरंत सुरक्षाकर्मियों ने बिजली का कनेक्शन काटने के साथ आग पर काबू पा लिया और परिसर में बड़ा हादसा होने से बचा लिया।
मौके पर बिजली कर्मियों को बुलाकर मरम्मत कराई गई। वहीं, सबसे खास बात यह रही कि ड्यूटी पर मौजूद सिपाही कमलाकांत पांडेय ने साहस दिखाते हुए बैरिकेडिंग पर चढ़ कर मोबाइल की रोशनी में आग बुझाने का प्रयास किया। साथ ही अग्निशमन यन्त्र मंगवाया, लेकिन उससे आग नहीं बुझी। फिर दूसरे अग्निशमन सिलिंडर की मदद से आग पर काबू पाया गया। इस दौरान मंदिर परिसर की लाइन काट दी गई थी। लगभग 15 मिनट लाइन कट रही, जिससे पूरा मंदिर परिसर अंधेरे में रहा। मंदिर में मौजूद भक्तों को सुरक्षा के लिहाज से वहां से हटाकर एक तरफ कर दिया गया था।
इससे पहले भी 30 मार्च को काशी विश्वनाथ मंदिर में बिजली उपकरण के कारण ही बड़ा हादसा होते-होते बच गया था। मंदिर परिसर में लगे कूलर का केबिल कटा होने के कारण स्टील की रेलिंग में करंट उतर आया था। जिसके कारण गुजरात के अहमदाबाद से आए परिवार के लोग करंट की चपेट में आ गए थे। 2 किशोरियां बेहोश हो गईं थी। इसके साथ ही अन्य महिला श्रद्धालुओं को भी करंट का झटका लगा था। मंदिर के सीईओ विश्वभूषण मिश्र ने कहा कि बाबा विश्वनाथ की कृपा से बड़ा हादसा होने से बच गया। सब लोग सुरक्षित है। कहा कि घटना की जांच कराई जाएगी आखिर कैसे हादसा हुआ।