
अंशुल मौर्य
वाराणसी,7 अप्रैल 2025:
माँ गंगा की पावन लहरों के बीच बीते 38 वर्षों से अनवरत जारी श्री राम कथा मंदाकिनी शोभायात्रा आज भी अपनी भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा से लोगों को भावविभोर कर रही है। वर्ष 1988 में शुरू हुई यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण की सदियों पुरानी आकांक्षा को जन-जागरण के रूप में आगे बढ़ाने का सशक्त प्रयास है। संयोजक नवीन श्रीवास्तव के नेतृत्व में यह शोभायात्रा समाज में समरसता, गंगा की स्वच्छता और सांस्कृतिक चेतना का संदेश फैलाती आ रही है।

6 अप्रैल 2025 की शाम तुलसी घाट पर हुए आयोजन में 25 केवट बंधुओं को सम्मानित किया गया और संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र द्वारा श्रीराम की आरती कर यात्रा का शुभारंभ किया गया। सजे-धजे बजरों पर राम जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक की झांकियाँ जब माँ गंगा की लहरों पर तैरने लगीं, तो दृश्य अलौकिक हो उठा। डमरु दल की गूंज, राम दरबार, धनुष यज्ञ और केवट प्रसंग जैसी झांकियाँ श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहीं।
राजघाट पर समापन के साथ तीन सर्वश्रेष्ठ झांकियों को सम्मानित किया गया और जनसमूह ने गंगा को निर्मल रखने का संकल्प लिया। यह शोभायात्रा न सिर्फ धर्म का उत्सव है, बल्कि सामाजिक एकता, पर्यावरण जागरूकता और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की प्रेरणा भी है, जो हर वर्ष माँ गंगा की गोद से निकलकर जन-जन के हृदय तक पहुँचती है।
