देहरादून,7 फरवरी 2025:
उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के बाद विवाह पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया है। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, 26 मार्च 2010 से 27 जनवरी 2025 के बीच हुए सभी विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। इन विवाहों को अगले छह महीने के भीतर पंजीकृत कराना होगा। 27 जनवरी 2025 के बाद होने वाले सभी विवाहों को विवाह की तिथि से 60 दिनों के भीतर पंजीकृत कराना आवश्यक होगा।

विवाह पंजीकरण शुल्क
• सामान्य शुल्क: ₹250/-
• तत्काल पंजीकरण शुल्क: ₹2500/-
UCC के तहत विवाह पंजीकरण के लाभ
• कानूनी मान्यता: विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र एक कानूनी दस्तावेज है जो विवाह को वैधता प्रदान करता है।
• अधिकारों की सुरक्षा: यह महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करता है।
• सरकारी योजनाओं का लाभ: विवाह पंजीकरण, विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आवश्यक है।
• पारदर्शिता: विवाह से संबंधित कानूनी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
विवाह पंजीकरण प्रक्रिया
विवाह पंजीकरण के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन किया जा सकता है।
• ऑनलाइन आवेदन: उत्तराखंड सरकार के विवाह पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
• ऑफलाइन आवेदन: नजदीकी विवाह पंजीकरण कार्यालय में जाकर आवेदन किया जा सकता है।
आवश्यक दस्तावेज
• आवेदन पत्र
• वर और वधू का पहचान पत्र
• वर और वधू का जन्म प्रमाण पत्र
• विवाह प्रमाण (मंडप या धार्मिक स्थल से प्रमाण पत्र)
• दो गवाहों के पहचान पत्र
अतिरिक्त जानकारी
- विलंब पंजीकरण पर अतिरिक्त शुल्क देय होगा।
- विवाह प्रमाण पत्र की प्रति हेतु ₹50 नकद जमा करना अनिवार्य।
- प्रमाणित प्रतिलिपि के लिए ₹1 कोर्ट फीस, ₹10 स्टाम्प शुल्क एवं साधारण नकल के लिए ₹25 शुल्क देय, जो एक सप्ताह में उपलब्ध होगी।
