Madhya Pradesh

नए सिरे से बन रहा भोपाल समेत तीन शहरों का मास्टर प्लान, पर्यावरण और हाई राइज भवनों पर फोकस

भोपाल,16 अक्टूबर 2024

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर और जबलपुर का मास्टर प्लान भी नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। इसमें ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट (टीडीआर) यानी हस्तांतरणीय विकास अधिकार, 24 मीटर की सड़कों की नीति, शहरों में हरियाली बढ़ाने और हाईराइज भवनों पर विशेष ध्यान दिया गया है। शहर के फैलाव को रोकने का प्रयास करने के साथ ही निकायों को सड़क, बिजली और पानी सहित कई सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ज्यादा धनराशि भी खर्च न करनी पड़े, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।

वर्षों से अटके हैं प्रस्ताव

बता दें, जबलपुर और इंदौर का मास्टर प्लान वर्ष 2041 तक के लिए और भोपाल का वर्ष 2047 तक के लिए तैयार किया जा रहा है। यह भोपाल और इंदौर का तीसरा, जबकि जबलपुर का चौथा मास्टर प्लान होगा। इससे पहले कई संशोधनों के चलते भोपाल का मास्टर प्लान 19 वर्ष और जबलपुर व इंदौर का तीन वर्ष से अटका हुआ है।

धारा 16 में कॉलोनी की अनुमति

भोपाल, इंदौर और जबलपुर में जब तक मास्टर प्लान लागू नहीं हुआ, तब तक धारा 16 के तहत कॉलोनी विकसित करने की अनुमति दी जा रही थी। जिला स्तर पर नगर और ग्राम निवेश के ज्वाइंट डायरेक्टर को धारा 16 के तहत अनुमति देने का अधिकार था, लेकिन सरकार ने सात माह पहले इसे बदल दिया। यह अधिकार नगर तथा ग्राम निवेश के आयुक्त को दे दिया गया है। प्रदेश में कालोनाइजरों के 40 से अधिक आवेदन लंबित हैं।

सड़कों को जोड़ने पर विशेष फोकस

भोपाल और इंदौर के मास्टर प्लान में मेट्रोपोलिटिन रीजन प्लान को भी शामिल किया जाएगा। इसके तहत भोपाल में सीहोर, मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, बंगरसिया को मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा। जबकि इंदौर के मास्टर प्लान में पीथमपुर, देवास और उज्जैन को भी शामिल किया जाएगा। सड़कों को जोड़ने पर विशेष फोकस किया जाएगा।

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