
श्रीनगर, 18 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुगलों के वंश पर सवाल उठाने वालों को इसे भाजपा के आसपास के रजवाड़ाओं (शाही परिवारों) में ढूंढना चाहिए, गरीब मुसलमानों में नहीं।
श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर पार्क में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में बोलते हुए महबूबा ने कहा, “जो लोग मुगलों की कब्र खोद रहे हैं, उन्हें अपने रिश्तेदारों और उत्तराधिकारियों को राजपूत परिवारों में तलाशना चाहिए। मुगलों का गरीब मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं था; उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए रजवाड़ों के साथ गठबंधन किया। आपको उनके सभी वंशज शाही परिवारों में मिलेंगे, गरीब मुसलमानों में नहीं।” उन्होंने हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए महबूबा ने कहा कि मुसलमानों को तोहफे भेजने के बजाय प्रधानमंत्री को वक्फ की संपत्तियों का इस्तेमाल कॉलेज और यूनिवर्सिटी बनाने में करना चाहिए था, जिससे न केवल मुसलमानों को बल्कि अन्य समुदायों को भी फायदा होता। उन्होंने कहा, “वक्फ बिल हमारे धर्म का मामला है, इसे ठीक से संभाला जाना चाहिए।
अगर केंद्र सरकार को लगता है कि वक्फ बोर्ड में कुछ गड़बड़ है, तो उन्हें मुस्लिम सांसदों को शामिल करके एक समिति बनानी चाहिए थी। प्रधानमंत्री हमेशा वंचित मुसलमानों की बात करते हैं। हाल ही में उन्होंने मुसलमानों को तोहफे भेजे। इसके बजाय उन्हें वक्फ की जमीन पर शैक्षणिक संस्थान बनाने पर ध्यान देना चाहिए था। इसके बजाय वे सदियों पुरानी मस्जिदों और मदरसों को गिरा रहे हैं।”
महबूबा ने पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत की हालिया किताब को लेकर उठे विवाद पर भी बात की, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला का जिक्र है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से कोई आश्चर्य नहीं है कि दुलत ने आरोप लगाया है कि अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने में मदद की होगी। उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य नहीं हुआ। अगर आपको याद हो तो देवेंद्र राणा (भाजपा नेता) ने भी दावा किया था कि जब पीडीपी और भाजपा सरकार बनाने के लिए बातचीत कर रहे थे, तब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने अमित शाह से मुलाकात की थी और बिना किसी शर्त के सरकार बनाने के लिए तैयार थे।”






