नई दिल्ली, 1 नवम्बर 2024 :
तीन बार के भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक ब्रह्म सिंह तंवर ने आज एक नए राजनीतिक कदम के तहत आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया। तंवर को पार्टी में शामिल कराने का ऐलान आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया।
तंवर का आप में शामिल होना न केवल राजनीतिक जगत में एक बड़ी हलचल मचा रहा है, बल्कि दिल्ली की राजनीति में आने वाले समय में संभावित बदलावों की ओर भी इशारा कर रहा है।
ब्रह्म सिंह तंवर का राजनीतिक सफर काफी लंबा और प्रतिष्ठित रहा है। वह 1993 और 1998 में महरौली विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक रहे, जबकि 2013 में छतरपुर विधानसभा से विधायक बने। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में भी छतरपुर से बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, हालांकि इस बार उन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। इसके अलावा, तंवर तीन बार निगम पार्षद भी रह चुके हैं, जिसने उन्हें स्थानीय स्तर पर जनता के बीच एक मजबूत छवि दिलाई है।
उनके राजनीतिक करियर की खास बात यह है कि वे 1975 के आपातकाल के दौरान जेल भी जा चुके हैं, जो उनके संघर्षशील व्यक्तित्व को दर्शाता है।
उनका राजनीतिक करियर 1977 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पार्षद चुनाव जीतने से शुरू हुआ था। इसके बाद, जब 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई, तो उन्होंने बीजेपी का हाथ थामा और तब से वे पार्टी के साथ जुड़े रहे। लगभग चार दशकों तक बीजेपी के साथ उनकी निष्ठा रही, जिससे पार्टी और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता और साख बढ़ी।
तंवर ने समाजसेवा और सार्वजनिक मुद्दों को अपनी राजनीति का मुख्य आधार बनाया, जिसके चलते उन्हें जनसमर्थन मिला और उन्होंने बीजेपी में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।
तंवर का आम आदमी पार्टी में शामिल होना राजनीति के जानकारों के अनुसार, दिल्ली की सियासत में एक अहम बदलाव की ओर इशारा करता है। इससे पहले, छतरपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक करतार सिंह तंवर ने बीजेपी का रुख कर लिया था। ऐसे में ब्रह्म सिंह तंवर का आप में शामिल होना एक दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम बन गया है। उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने से यह कयास लगाया जा रहा है कि शायद आने वाले विधानसभा चुनावों में वे छतरपुर से AAP के उम्मीदवार हो सकते हैं।
तंवर का AAP में जुड़ना एक बड़ा संकेत है कि दिल्ली में आप और बीजेपी के बीच राजनीतिक खींचतान और तेज हो सकती है।
ब्रह्म सिंह तंवर के इस फैसले को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह न केवल बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा मौका भी है।
तंवर का अनुभव, उनकी गहरी जमीनी पकड़, और जनसंपर्क से आप को दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूती मिल सकती है। आपातकाल में जेल जाना और जनहित के मुद्दों पर तंवर का संघर्षशील इतिहास उन्हें एक अलग पहचान दिलाता है, और शायद इसी वजह से आम आदमी पार्टी ने उन्हें अपने साथ जोड़ा है।
इस राजनीतिक घटनाक्रम का आने वाले चुनावों में क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन एक बात साफ है कि ब्रह्म सिंह तंवर का आम आदमी पार्टी में शामिल होना दिल्ली की राजनीति में एक नए अध्याय का संकेत देता है।