
पटना, 17 मई 2025:
बिहार के बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला को 26 साल पुराने बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला को 15 दिनों के अंदर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। इस फैसले से एक बार फिर बृजबिहारी हत्याकांड और राजनीति में अपराध के घालमेल को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
बृजबिहारी प्रसाद, जो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के दिग्गज नेता और तीन बार के विधायक थे, की हत्या 1998 में पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में श्रीप्रकाश शुक्ला और मुन्ना शुक्ला ने की थी। इस हत्या ने बिहार की राजनीति को एक नया मोड़ दिया था। श्रीप्रकाश शुक्ला तो पुलिस एनकाउंटर में मारे गए थे, लेकिन मुन्ना शुक्ला को आजीवन कारावास की सजा का फैसला सामने आया है।
बृजबिहारी और मुन्ना शुक्ला के बीच का विवाद राजनीतिक और अपराध की दुनिया का प्रतीक बन गया था। 1970 के दशक में छोटन शुक्ला और बृजबिहारी प्रसाद के बीच गहरी दोस्ती थी, लेकिन समय के साथ दोनों के रास्ते अलग हो गए। छोटन शुक्ला की हत्या के बाद, मुन्ना शुक्ला ने बदला लेने के लिए बृजबिहारी प्रसाद की हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया।
यह हत्या बिहार की राजनीति में एक गंभीर बदलाव का कारण बनी। इस घटना के बाद, राबड़ी देवी और लालू यादव ने अपनी सुरक्षा बढ़ाई, और बिहार में अपराधी राजनीति की समस्या और बढ़ गई। मुन्ना शुक्ला की राजनीति, जो पहले राजद के खिलाफ थी, अब उसी पार्टी से जुड़ी हुई है।