नई दिल्ली,28 मार्च 2025
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में लगी आग में जलने वाले कैश की गुत्थी पूरी तरह से सुलझ नहीं पाई है। जांच में यह सामने आया है कि आग में नकदी का केवल कुछ हिस्सा ही जला था, जबकि पूरा ‘खजाना’ सुरक्षित रह सकता है। सिटिंग जज से जुड़ा मामला होने के कारण जांच में विशेष सावधानी बरती जा रही है। पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जले हुए नोटों का क्या हुआ और क्या मौके पर अन्य बैग भी थे, जो आग से बच गए।
पुलिस को शक है कि मौके पर सबसे पहले पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन में इस मामले से जुड़े अहम सुराग हो सकते हैं। दिल्ली पुलिस उन पुलिसकर्मियों के फोन की जांच कर रही है, जो घटना के तुरंत बाद वहां पहुंचे थे। यह भी जांच की जा रही है कि क्या किसी ने वीडियो या मैसेज डिलीट किए।
सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह एंगल भी जोड़ा गया है कि क्या घटना की रात जज के घर से कुछ कैश निकाला गया था। नकदी का कुछ हिस्सा ही जलने की बात सामने आई है। इन सभी जानकारियों को एकत्र कर तीन जजों की फैक्ट फाइंडिंग टीम को सौंपा जाएगा। बताया जा रहा है कि जजों की कमेटी ने दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग का बयान दर्ज कर लिया है। यह बयान चाणक्यपुरी के हरियाणा गेस्टहाउस में दर्ज किया गया, जहां जांच कमेटी ने अपना कैंप ऑफिस बनाया है।
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर के स्टोररूम में 14 मार्च की रात करीब 11:15 बजे आग लगी थी। यह मामूली आग थी, लेकिन फायर डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस और फायर फाइटर लगभग दो घंटे तक घटनास्थल पर मौजूद रहे। जज के पर्सनल असिस्टेंट ने पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को PCR कॉल कर घटना की जानकारी दी थी।
तुगलक रोड पुलिस स्टेशन के पांच पुलिसकर्मियों ने स्टोररूम का निरीक्षण किया और अपने मोबाइल से वीडियो बनाए। एक स्पेशल CP-रैंक के अधिकारी ने सबसे पहले मौके पर पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों को अपने मोबाइल फोन जमा करने का निर्देश दिया था।
दिल्ली पुलिस ने जस्टिस वर्मा के घर के स्टोररूम को सील कर दिया है। आग लगने के 12 दिन बाद पुलिस ने कैंपस की वीडियोग्राफी कराई और आसपास के CCTV कैमरों से फुटेज भी इकट्ठा किए हैं। पुलिस और फायर डिपार्टमेंट आग के कारणों की अलग-अलग जांच कर रहे हैं।