नई दिल्ली, 27 जून 2025
सरकार ने देशभर में जन्म प्रमाण पत्र प्रक्रिया को और अधिक सरल और तेज़ बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) ने सभी राज्यों के सरकारी और निजी अस्पतालों को आदेश जारी किया है कि नवजात बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल से छुट्टी देने से पहले ही उनके परिजनों को सौंप दिए जाएं।
इस फैसले के पीछे मुख्य उद्देश्य जन्म प्रमाण पत्र की बढ़ती उपयोगिता और इसकी अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया को स्वचालित और तेज बनाना है। RGI ने बताया कि यह कदम विशेष रूप से उन अस्पतालों पर लागू होगा जहां देश के 50% से अधिक संस्थागत जन्म होते हैं।
बच्चों के जन्म का पंजीकरण अब RBD अधिनियम 1969 की धारा 12 के तहत किया जाता है, जिसे 2023 में संशोधित किया गया था। इसके तहत 1 अक्टूबर 2023 से केंद्र सरकार के पोर्टल पर जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य हो गया है। इसके बाद से राज्य सरकारों को अपने डेटाबेस को केंद्र से जोड़ना पड़ा है, जिससे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR), राशन कार्ड, संपत्ति रजिस्ट्रेशन और मतदाता सूची जैसे कई अहम दस्तावेजों के लिए आधार तैयार होता है।
RGI ने अस्पतालों को यह भी निर्देश दिया है कि नवजात का जन्म प्रमाण पत्र जन्म के सात दिनों के भीतर परिवार को दे दिया जाए, चाहे वह डिजिटल हो या भौतिक प्रारूप में। इससे पहले मार्च 2025 में भी RGI कार्यालय ने सभी अस्पतालों को 21 दिन के भीतर जन्म-मृत्यु की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
जन्म प्रमाण पत्र आज के समय में सरकारी नौकरियों, स्कूल-कॉलेज में दाखिले, विवाह रजिस्ट्रेशन और पहचान संबंधी कई कार्यों में सबसे आवश्यक दस्तावेज बन गया है। इस नए आदेश से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आम नागरिकों को इसे पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।