लखनऊ, 25 नवंबर 2025 :
एक महिला जो अपने घर, स्कूल या ऑफिस में सुरक्षित महसूस नहीं कर पाती…जो हर कदम पर डर के साये में जीती है। हर तीन में से एक महिला अपने जीवन में कभी न कभी हिंसा का शिकार होती है। 25 नवंबर का दिन हमें यही याद दिलाता है कि यह डर और हिंसा केवल आंकड़े नहीं हैं, यह असली ज़िंदगियां हैं, सपने हैं, परिवार हैं। यह दिन उन बहादुर महिलाओं की कहानी याद दिलाता है, जिन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी कीमत चुकाई, सिर्फ न्याय और समानता के लिए-जैसे पैट्रिया, मारिया और एंटोनिया मिराबैल।
हर साल 25 नवंबर को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ (international day for the elimination of violence against women) मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा अब बर्दाश्त नहीं की जा सकती और इसके खिलाफ हर संभव प्रयास जरूरी हैं।
कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरूआत?
इस दिन को यादगार बनाने की शुरुआत हुई थी तीन बहनों की कहानी से पैट्रिया, मारिया और एंटोनिया मिराबैल। 25 नवंबर 1960 को डोमिनिकन तानाशाह राफेल ट्रूजिलो के विरोध में ये बहनें मारी गई थीं। इन तीनों बहनों ने ट्रुजिलो की तानाशाही का कड़ा विरोध किया था। उनकी बहादुरी और संघर्ष को याद करते हुए 1981 से इस दिन को महिला अधिकारों के समर्थन में मनाया जाने लगा।
संयुक्त राष्ट्र का निर्णय और संदेश
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 दिसंबर 1999 को 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में घोषित किया। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा दुनिया में सबसे भयंकर और व्यापक मानवाधिकार उल्लंघन है। आज भी हर तीन में से एक महिला अपने जीवन में किसी न किसी रूप में हिंसा का सामना करती है।

महिलाओं पर होने वाली हिंसा के रूप
महिलाओं के खिलाफ हिंसा सिर्फ शारीरिक नहीं होती। इसमें वर्कप्लेस हेरासमेंट, दहेज उत्पीड़न, डिजिटल हिंसा, और महिला तस्करी भी शामिल हैं। डिजिटल हिंसा में किसी महिला को सोशल मीडिया, मैसेज या ईमेल के जरिए धमकी देना या अश्लील संदेश भेजना आता है। महिला तस्करी में महिलाओं को बलपूर्वक या धोखे से बेचना या गलत कार्यों में शामिल करना आता है।
सख्त आंकड़े और रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में लगभग 84 करोड़ महिलाएं, यानी हर तीन में से एक, अपने जीवन में यौन हिंसा का शिकार हो चुकी हैं। पिछले साल अकेले 31.6 करोड़ महिलाओं को उनके पार्टनर द्वारा शारीरिक या यौन हिंसा झेलनी पड़ी। यह आंकड़ा 168 देशों के 2000-2023 के डेटा पर आधारित है।
क्या किया जा रहा है?
संयुक्त राष्ट्र ने 2010 में UN Women का गठन किया, जो महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए काम करता है। यह हर साल हमें याद दिलाता है कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें सुरक्षित महसूस कराना हम सबकी जिम्मेदारी है।
25 नवंबर सिर्फ एक तारीख नहीं है, यह महिलाओं के अधिकार और उनके खिलाफ हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाने का दिन है।






