Uttar Pradesh

कृषि अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस पर सीएम योगी बोले…पूरी दुनिया का पेट भर सकता है यूपी

लखनऊ, 22 जुलाई 2025:

यूपी की राजधानी लखनऊ में कृषि अनुसंधान परिषद का 36 वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लागत कम करके ही किसान को खुशहाल किया जा सकता है। यूपी प्रकृति व परमात्मा की कृपा वाला प्रदेश है। ये पूरी दुनिया का पेट भर सकता है। इसकी मिट्टी में तीन गुना अधिक उत्पादन करने की क्षमता है।

आलमबाग स्थित अनुसंधान केंद्र में आयोजित इस समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले वैज्ञानिकों को सम्मानित किया प्रदर्शनी का जायजा लिया और गौ आधारित खेती विषयक समेत कई पुस्तकों का विमोचन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता किसान के चेहरे पर तब खुशहाली आएगी, जब हम लागत को कम करेंगे और उत्पादन को अधिक बढ़ाएंगे। कृषि आज भी उत्तर प्रदेश के अंदर सर्वाधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है। 89 कृषि विज्ञान केंद्र उत्तर प्रदेश के किसानों को अपनी-अपनी विशेषज्ञता का लाभ प्रदान कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान में 4 कृषि विश्वविद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। कृषि लोगों के जीवन में खुशहाली का माध्यम बने। यह तभी संभव है जब हम इस क्षेत्र में किए जाने वाले अनुसंधान का लाभ अन्नदाता किसान को दे पाएंगे। उत्तर प्रदेश कृषि और कृषि अनुसंधान की दृष्टि से प्रकृति और परमात्मा की कृपा का प्रदेश है। हमारे पास पर्याप्त जल संसाधन और अत्यंत उर्वरा कृषि भूमि है।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों के सामने 2047 में ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य तय किया है। लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में राज्यों को भी अपनी भूमिका का निर्वहन करना है। हमने तय किया है कि 2029 में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाएंगे। उत्तर प्रदेश के अंदर सर्वाधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र कृषि आज भी है। लगभग 3 करोड़ किसान अकेले कृषि पर निर्भर हैं। कृषि के बाद जो दूसरा सेक्टर सर्वाधिक रोजगार दे रहा है वह MSME का सेक्टर है।

प्रदेश के 25 से 30 फीसदी किसान ही वैज्ञानिक शोध और अनुसंधान को प्रभावी ढंग से अपने कृषि में लागू कर पा रहे हैं। यह भी सच है कि देश के कृषि योग्य कुल भूमि का केवल 11 फीसदी ही उत्तर प्रदेश के अंदर है। मेरा यह मानना है कि उत्तर प्रदेश की भूमि की समतलीकरण, उर्वरता और जल संसाधन को देखते हुए अभी इसमें तीन गुना अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। इसके लिए हमें कृषि शोध और विकास को आगे बढ़ाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे होना होगा।

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