लखनऊ, 26 दिसंबर 2025:
गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों के बलिदान दिवस ‘वीर बाल दिवस’ और सिख पंथ के नौवें गुरु ‘हिन्द दी चादर’ गुरु श्री तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष के अवसर पर शुक्रवार को लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु साहिबानों को नमन किया, पावन स्वरूप को शीश पर धारण कर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे। कीर्तन गायन में सहभागिता की और विभिन्न प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया। इस दौरान पूरा माहौल श्रद्धा और सम्मान से भरा रहा। मुख्यमंत्री ने ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के उद्घोष के साथ गुरु गोबिन्द सिंह जी के चार साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की पावन स्मृतियों को नमन किया।
उन्होंने कहा कि जब राष्ट्र और धर्म को प्राथमिकता दी जाती है, तभी समाज आगे बढ़ता है। सिख गुरुओं का इतिहास इसी बात का जीवंत उदाहरण है। सिख गुरुजनों का इतिहास भक्ति और शक्ति का अद्भुत संगम है। गुरु नानक देव जी महाराज ने कठिन परिस्थितियों में भी मानवता के लिए कार्य किया और पाखंड के खिलाफ आवाज उठाई। सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने साधना की शक्ति से समाज को नई दिशा दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के सिख समाज की भावना का सम्मान करते हुए 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का निर्णय लिया। यह दिन साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान की याद दिलाता है।

उन्होंने कहा कि गुरु गोबिन्द सिंह जी के चारों साहिबजादों ने देश और धर्म की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया, उसकी मिसाल पूरी दुनिया में नहीं मिलती। मुगल शासकों ने अत्याचार किए, लेकिन सिख गुरुओं के साहस और तेज के आगे वे टिक नहीं सके। आज भले ही अत्याचारियों के नाम इतिहास में धुंधले पड़ गए हों, लेकिन साहिबजादों का बलिदान हर भारतीय के दिल और पाठ्यक्रम का हिस्सा बना हुआ है।






