हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर, 2 जनवरी 2025:
यूपी के गोरखपुर जेल में 15 साल से बंद पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद मसरूफ उर्फ मंसूर अहमद की रिहाई 27 फरवरी को तय की गई है। गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद अटारी बॉर्डर से रिहाई की तैयारियां तेज हो गई हैं। विदेश मंत्रालय पहले ही नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) जारी कर चुका है। मसरूफ की रिहाई का इंतजार जेल प्रशासन लंबे समय से कर रहा था।
साल 2008 में बहराइच के रुपईडीहा के पास नेपाल सीमा से भारत में दाखिल होने के बाद मसरूफ को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस जांच और चार्जशीट के बाद कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने जासूसी के सभी मामलों में उसे दोषमुक्त कर दिया। इसके बावजूद बिना वीजा-पासपोर्ट भारत में प्रवेश के आरोप में वह 15 साल जेल में रहा।
रिहाई की खबर पर मसरूफ ने खुशी जाहिर की। उसने कहा कि कराची में उसके माता-पिता, पत्नी और दो बच्चे हैं। 15 साल बाद उन्हें देखने का अवसर मिलेगा।
पाकिस्तानी दूतावास ने मसरूफ को अपना नागरिक मानते हुए उसे वतन वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की। अब उसे गोरखपुर से दिल्ली होते हुए अटारी बॉर्डर पर सौंपा जाएगा।