
मुंबई | 9 जून 2025
हिंदी सिनेमा के दिग्गज फिल्म निर्देशक पार्थो घोष का 61 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। सोमवार सुबह मुंबई के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ समय से हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है।
पार्थो घोष ने अपने करियर की शुरुआत 1985 में सहायक निर्देशक के तौर पर की थी। 90 के दशक में उन्होंने हिंदी सिनेमा को कई यादगार फिल्में दीं, जिनमें 100 डेज, अग्नि साक्षी, गुलाम-ए-मुस्तफा और दलाल जैसी फिल्में प्रमुख हैं। इन फिल्मों में नाना पाटेकर, मनीषा कोइराला, जैकी श्रॉफ और मिथुन चक्रवर्ती जैसे बड़े सितारों ने काम किया था।
1991 में आई उनकी फिल्म 100 डेज ने उन्हें निर्देशन जगत में स्थापित कर दिया। इस फिल्म से नाना पाटेकर को भी एक मजबूत अभिनेता के रूप में नई पहचान मिली। इसके बाद 1996 में रिलीज़ हुई अग्नि साक्षी ने मनीषा कोइराला की एक्टिंग को एक नया मुकाम दिया। फिल्म घरेलू हिंसा जैसे गंभीर विषय पर आधारित थी और दर्शकों के दिलों को छू गई थी।
1997 में आई गुलाम-ए-मुस्तफा में उन्होंने फिर से नाना पाटेकर को एक अलग अंदाज़ में पेश किया, जिसे खूब सराहा गया। इसके अलावा दलाल (1993) में मिथुन चक्रवर्ती ने मुख्य भूमिका निभाई थी। पार्थो घोष की खासियत थी कि वे मनोरंजन के साथ-साथ समाज से जुड़े मुद्दों को भी अपनी फिल्मों में उठाते थे।
उनके निधन के बाद फिल्मी हस्तियों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया है। उनकी पत्नी गौरी घोष अब अकेली रह गई हैं। भले ही पार्थो ने कम फिल्में बनाई हों, लेकिन उनका योगदान आज भी हिंदी सिनेमा की यादगार धरोहर बना हुआ है।