विजय पटेल
रायबरेली, 9 नवंबर 2025:
जन्म प्रमाणपत्रों के बाद अब रायबरेली के जिला अस्पताल से फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए जाने का मामला सामने आया है। यह खुलासा तब हुआ जब इसी अस्पताल से जारी दिखाया गया एक मृत्यु प्रमाणपत्र दिल्ली हाईकोर्ट में पेश किया गया।
यह मामला विनोद रावत बनाम स्टेट (मुकदमा संख्या 2236/2025) से जुड़ा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को प्रमाणपत्र पर संदेह हुआ, जिसके बाद दिल्ली पुलिस को सत्यापन का आदेश दिया गया। आदेश के अनुपालन में दक्षिणी दिल्ली के महरौली थाने की एसआई वर्षा रायबरेली जिला अस्पताल पहुंचीं और प्रमाणपत्र की जांच की।
जांच के दौरान पता चला कि प्रमाण पत्र में मृत दर्शाए गए विजय कुमार (50) का नाम अस्पताल के किसी भी रिकॉर्ड में नहीं है। यहां तक कि भर्ती रजिस्टर में भी उसका उल्लेख नहीं था। अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह मृत्यु प्रमाणपत्र उनके यहां से जारी ही नहीं किया गया। जांच में यह भी पता चला कि प्रमाणपत्र पर अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर और जिला अस्पताल की नकली मुहर लगाई गई थी। दस्तावेज पर सबसे ऊपर ‘जिला अस्पताल रायबरेली’ लिखा है, लेकिन यह पूरी तरह से फर्जी पाया गया।
प्रमाणपत्र के अनुसार, मृतक विजय कुमार पुत्र सियाराम निवासी थाना शिवगढ़ के नरेथुआ गांव का बताया गया है, जिसका पंजीयन संख्या D-2024 : 9- 90 347 -004023 अंकित है और इसे 1 नवंबर को जारी दिखाया गया है।
जांच को और जटिल बनाने वाला पहलू यह है कि प्रमाणपत्र पर मौजूद QR कोड स्कैन करने पर मृतक का विवरण सही दिखाई देता है। इससे यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि अगर यह प्रमाणपत्र अस्पताल ने जारी नहीं किया, तो इतनी सटीकता के साथ यह फर्जी दस्तावेज तैयार कैसे हुआ। जिला अस्पताल के सीएमएस पुष्पेंद्र कुमार ने दिल्ली पुलिस को दी रिपोर्ट में कहा है कि हमारे अस्पताल से विजय कुमार का कोई मृत्यु प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया। न ही वह संबंधित तारीख में भर्ती रहा या उसका इलाज हुआ।






