कवि कुछ कह रहा है…

Shubham Singh
Shubham Singh

आज हम एक कविता पढ़ेंगे जिसे मशहूर समाजशास्त्री बद्री नारायण ने लिखा है . इस कविता का प्रयोग कई फिल्मों में भी हुआ है .

प्रेत आएगा

किताब से निकाल ले जाएगा प्रेमपत्र

गिद्ध उसे पहाड़ पर नोच-नोच खाएगा

चोर आएगा तो प्रेमपत्र चुराएगा

जुआरी प्रेमपत्र पर ही दाँव लगाएगा

ऋषि आएँगे तो दान में माँगेंगे प्रेमपत्र

बारिश आएगी तो

प्रेमपत्र ही गलाएगी

आग आएगी तो जलाएगी प्रेमपत्र

बंदिशें प्रेमपत्र पर ही लगाई जाएँगी

साँप आएगा तो डँसेगा प्रेमपत्र

झींगुर आएँगे तो चाटेंगे प्रेमपत्र

कीड़े प्रेमपत्र ही काटेंगे

प्रलय के दिनों में

सप्तर्षि, मछली और मनु

सब वेद बचाएँगे

कोई नहीं बचाएगा प्रेमपत्र

कोई रोम बचाएगा

कोई मदीना

कोई चाँदी बचाएगा, कोई सोना

मैं निपट अकेला

कैसे बचाऊँगा तुम्हारा प्रेमपत्र।

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