भोपाल, 9 जनवरी 2025
मध्य प्रदेश में गांव,शहर ,स्टेशनों ओर सड़को के नाम बदलने का सिलसिला जारी है। उज्जैन में तीन गांवों के नाम बदलने की घोषणा के बाद प्रदेश में गांव और कस्बों के साथ ही कई शहरों के इलाकों के नामों को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने भी कई जगहों के नाम बदलने की वकालत की है। ओर सीएम डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर नाम बदलने की मांग की हैं।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर मांग की है। भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार उर्दू में गांव के नाम से अगर चिंतित रहती है तो उसे जाति सूचक शब्दों से गांव के नामकरण पर आपत्ति क्यों नहीं होती है?
भूपेंद्र गुप्ता ने अपने पत्र में लिखा है कि टीकमगढ़ जिले में यूईजीएस स्कूलों में लोहारपुरा, ढिमरौला, ढिमरयाना, चमरौला, चमरौला खिलक जैसे नाम हैं, जो संवैधानिक रूप से गलत हैं और सामाजिक रूप से आपत्तिजनक भी हैं। ऐसे नाम हर जिले में सैकड़ों की तादात में मिल सकते हैं, इन्हें बदलकर संतों, महापुरुषों के नाम पर नए नामकरण किए जाएं।
सरकार हर थोड़े दिनों में गांव ,शहरों स्थानों के नाम बदलती है । ऐसे स्थान जो जाति सूचक नामो पर है। उन्हें भी बदले इससे ऊंच नीच छुआ छूत को बढ़ावा मिलता है। सरकार ऐसे स्थानों का नाम बदले संत महात्माओं ओर महापुरुषों के नाम पर रखें।
सीएम मोहन यादव ने रविवार को उज्जैन के तीन गांवों के नाम बदले थे। सीएम ने मौलाना का नाम बदलकर विक्रम नगर ,जहांगीरपुर का जगदीशपुर और गजनीखेड़ी का नाम बदलकर चामुंडा माता नगरी करने की घोषणा की थी। सीएम ने मंच से कहा था कि मौलाना लिखने में पेन अटकता था। रविवार को सीएम इंदौर और उज्जैन दौरे पर थे। इस दौरान उज्जैन के बड़नगर में सीएम राइस स्कूल का लोकार्पण करने पहुंचे थे जहां सीएम ने मंच से इन गांवों के नाम बदलने का ऐलान किया था।