अलवर, 30 अप्रैल 2025
राजस्थान के अलवर जिले में अवैध, जहरीली शराब पीने से तीन दिनों में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है। जानकारी अनुसार इस घटना में पहली मृत्यु 26 अप्रैल को हुई, उसके बाद अगले दो दिनों में सात और मौतें हुईं। सभी पीड़ित पेंटपुर और किशनपुर गांव के निवासी थे, जिनकी उम्र 39 से 65 वर्ष के बीच थी।
ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र में, विशेषकर अकबरपुर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में, लंबे समय से अवैध शराब खुलेआम बेची जा रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बार-बार शिकायत के बावजूद अधिकारी कोई कार्रवाई करने में विफल रहे।
28 अप्रैल को स्थिति और बिगड़ गई, जब एक ही दिन में पांच लोगों की मौत हो गई। मौतों की संख्या में इस वृद्धि के बाद ही जिला अधिकारियों ने प्रभावित गांवों का दौरा किया। स्थानीय लोगों के अनुसार, जिन ठेकेदारों को आधिकारिक तौर पर एक-एक शराब की दुकान आवंटित की गई है, उन्होंने अवैध रूप से कई दुकानें खोल ली हैं, जिनमें से कई कथित तौर पर बिना लाइसेंस के कच्ची शराब बेच रहे हैं। निवासियों का दावा है कि प्रवर्तन अधिकारियों को इन अवैध कार्यों के बारे में पूरी जानकारी है, लेकिन वे इस ओर आंखें मूंदे हुए हैं। बढ़ते आक्रोश के मद्देनजर गुरुवार को एक महापंचायत आयोजित की गई है, जिसमें ग्रामीणों द्वारा शराब माफिया और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी।
26 अप्रैल को पहली मौत सुरेश वाल्मीकि (45) निवासी पैंतपुर की हुई। 27 अप्रैल को रामकिशोर (47) निवासी किशनपुर और रामकुमार (39) निवासी पैंतपुर की मौत हो गई और 28 अप्रैल को सबसे ज्यादा मौतें हुईं, जिनमें लालाराम (60) और भारत (40) निवासी किशनपुर और ओमी (65) निवासी बहल नट शामिल हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन की देरी से प्रतिक्रिया की आलोचना की है तथा कहा है कि अधिकारी प्रारंभिक मृत्यु के तीन दिन बाद बुधवार को पहुंचे। अब जांच चल रही है और जिला प्रशासन ने कार्रवाई का वादा किया है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस त्रासदी से व्यापक आक्रोश फैल गया है और जवाबदेही की मांग की जा रही है।