पटना, 04 नवंबर, 2024
सीएम नीतीश कुमार के द्वारा चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा के पैर छूने के मामले पर अब राजद ने हमला किया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार अचेत अवस्था में हैं।
सोमवार को शक्ति सिंह यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने कल अपने से कम उम्र के लोगों का पैर छू लिया। हालांकि यह घटनाएं कई बार देखी गई है। यह आदर का प्रतीक नहीं है। यह असंतुलित भाव का प्रकृटिकरण है। जब मानव अचेतन अवस्था धारण कर लेता है तो भाव पता नहीं चलता है। मुख्यमंत्री, बिहार की जगहंसाई आप ही लोग कर रहे थे। एक मंत्री रोकने का पूरा प्रयास कर रहे थे। बार-बार कहते हैं, बिहार के मुख्यमंत्री को तीन-चार लोगों ने जिस कदर से घेरा है वह कौन लोग है? क्या उनका समता पार्टी, समाजवाद, समाजवादी पृष्ठभूमि के हैं? क्या वह लोकनायक जयप्रकाश के आंदोलन से हैं या वह राम मनोहर लोहिया के विचारों से हैं? यह मलाई चाटने वाले हैं। वह घेर करके रखे हुए हैं। संविधान कहता है अगर शासन अवचेतन अवस्था को प्राप्त कर लिया हो तो उसे नहीं रहना चाहिए। बीजेपी गिद्ध की नजर लगाए हुए हैं।
बिहार में घट रही आपराधिक घटनाओं पर भी शक्ति सिंह यादव ने बिहार सरकार को घेरा। शक्ति सिंह यादव ने कहा, बिहार में अपराधियों के तांडव ने आम आदमी के जीवन को बिल्कुल असंतुलित कर दिया है। बिहार में भय का वातावरण कायम है। सुबह घर से निकलने के बाद जब कोई शाम तक घर न आ जाए, तब तक लोग टेंशन में रहते हैं। बिहार में इस तरीके से अपराधियों का तांडव बढ़ा हुआ है। हाल ही में 110 से भी ज्यादा हत्याएं हुई है। इसके आंकड़े दिए गए हैं। लगता ही नहीं है कि बिहार में शासन नाम की कोई चीज है? बिहार के नायक अवचेतन अवस्था को प्राप्त कर लिए हैं। जिनका समाजवाद से कोई रिश्ता नहीं है, ऐसे लोग घेरकर के मुख्यमंत्री को क्वॉरेंटाइन करके रख लिए हैं। बताया जाता है कि इतना बोलना है। नीतीश कुमार कहां है? यह बिहार जानना चाहता है। नीतीश कुमार कभी थे? अब नीतीश कुमार की हालत देखकर के मन में पीड़ा होती है। संविधान के अनुसार जब सत्ता का नायक, हेड ऑफ द गवर्नमेंट अगर वह असंतुलित है और अवचेतन अवस्था में है तो शासन उसके हाथ में नहीं रहना चाहिए। तीन-चार लोग जिस तरीके से मुख्यमंत्री को अवचेतन अवस्था में लाकर खड़ा कर दिए हैं, अपराधियों का मनोबल बढ़ा दिया है। बिहार में तांडव चल रहा है। मुख्यमंत्री को मुंह खोलना चाहिए। पूरा बिहार आपसे हाथ जोड़कर के प्रार्थना कर रहा है कि अपराधियों के तांडव पर एक बार अपना जुबान खोल दीजिए। यह चुप्पी क्यों है? यह चुप्पी बिहार के अपराधियों को तांडव करने के लिए छूट दे रखी है।