
पटना | 24 जुलाई 2025
बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर पूरे राज्य से लेकर संसद तक हंगामा मचा हुआ है। इस प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियों के आरोप सामने आ रहे हैं। अब सत्तारूढ़ दलों के सांसद भी इस पर सवाल उठाने लगे हैं। आंकड़ों के अनुसार, अब तक करीब 71 लाख वोट ऐसे हैं जिनके लिस्ट से कटने की आशंका जताई जा रही है।
बिहार में 25 जुलाई तक मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि है, लेकिन अब भी करीब 15 लाख भरे हुए फॉर्म स्थानीय अधिकारियों को नहीं सौंपे गए हैं। वहीं चुनाव आयोग के अनुसार, अब तक 98.01% वोटर्स कवर्ड हो चुके हैं, जिनमें से 1 लाख ‘लापता’ हैं, 20 लाख का निधन हो चुका है, 28 लाख स्थायी रूप से विस्थापित हैं और 7 लाख दो जगह नामांकन पाए गए हैं।
इस मुद्दे पर संसद में लगातार हंगामा हो रहा है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर और आप सांसद संजय सिंह ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है और तत्काल चर्चा की मांग की है। बिहार विधानसभा में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस हुई।
जेडीयू के सांसद गिरिधारी यादव ने भी चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी में लागू की गई और यह “हम पर जबरन थोपी गई है”। उन्होंने बताया कि उनके बेटे का नाम भी शामिल नहीं हो सका क्योंकि वह अमेरिका में रहता है।
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि जिन लोगों के फॉर्म अब तक वापस नहीं आए हैं, उनकी सूची सभी प्रमुख दलों के जिला अध्यक्षों और 1.5 लाख बीएलए एजेंट्स को सौंप दी गई है। आयोग का कहना है कि प्रक्रिया पारदर्शी और व्यापक है, लेकिन सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा।