
लखनऊ, 4 अगस्त 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ सावन के चौथे व आखिरी सोमवार को भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठी। शहर के प्रमुख शिवालय मनकामेश्वर, बुद्धेश्वर महादेव, राजेन्द्रनगर महाकाल समेत सभी प्रमुख मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और पूजन-अर्चन करने उमड़ पड़े। इस दौरान शिवालयों में हर हर महादेव का उद्घोष गूंजता रहा।
यूपी की राजधानी लखनऊ में सावन मास को शिवभक्त पर्व के रूप में मनाते हैं। यहां मोहान रोड पर बुद्धेश्वर महादेव मंदिर, गोमती किनारे डालीबाग स्थित मनकामेश्वर मंदिर व गोमेश्वर मंदिर,नादान महल रोड पर सिद्धनाथ मंदिर, चौपटिया के बड़ा शिवाला, चौक में कोनेश्वर मंदिर व सदर बाजार स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर सहित अलीगंज स्थित कई शिवालयों में साल भर सोमवार के अलावा अन्य दिनों में भी हजारों भक्त दर्शन पूजन को पहुंचते हैं। इस बार सावन के पहले सोमवार 14 जुलाई से पूजा अर्चना का दौर शुरू हुआ तो हर सोमवार को उत्साह बढ़ा हुआ दिखाई दिया।
सावन के चौथे सोमवार से पहले रविवार देर रात से ही श्रद्धालु बेलपत्र, जल कलश और पूजा सामग्री के साथ मंदिर पहुंचने लगे। मंदिरों के बाहर लंबी लाइनें लगने लगी। भोर होते-होते मंदिरों के कपाट खुल गए और “हर-हर महादेव” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर में लगभग एक किलोमीटर लंबी लाइन देखी गई। यहां फूलों से भगवान भोलेनाथ का भव्य श्रृंगार और आरती के बाद मंदिर के कपाट खोले गए। पुरुषों व महिलाओं के लिए अलग-अलग लाइनें बनाई गई हैं। सुरक्षा के लिए मेटल डिटेक्टर से जांच की जाती रही और बैरिकेडिंग भी की गई है। भीड़ प्रबंधन की विशेष व्यवस्था रही। पुलिस अधिकारियों ने भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
मोहान रोड स्थित बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में तड़के 3 बजे कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं। पहली आरती सुबह 6 बजे हुई। दोपहर 12 बजे भोग और प्रसाद वितरण हुआ, जबकि रात 11 बजे अंतिम श्रृंगार के बाद मंदिर के कपाट बंद होंगे। यहां हर घंटे शिव स्तुति और रुद्राभिषेक किया जा रहा है। इसी तरह अलीगंज स्थित चंद्रेश्वर महादेव मंदिर, जागेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना का क्रम चलता रहा। इसी तरह चौक के कोनेश्वर महादेव मंदिर में भोर से ही श्रद्धालुओं की लाइन लगी दिखी वहीं राजेन्द्रनगर स्थित महाकाल मंदिर में सोमवार सुबह 4 बजे बाबा का श्रृंगार कर विशेष भस्म आरती की गई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन शुरू किए। यहां दोपहर में रुद्राभिषेक का सिलसिला शुरू हुआ।