
अयोध्या, 27 जुलाई 2025:
यूपी में रामनगरी अयोध्या में शनिवार सावन शुक्ल तृतीया से प्रभु के झूलनोत्सव का आगाज हो गया।
अयोध्या भर के सैकड़ों मंदिरों से भगवान श्रीराम और माता सीता की झूलनोत्सव यात्रा गाजे-बाजे और शोभायात्रा के साथ मणि पर्वत के लिए रवाना हुई। मणि पर्वत पर प्रतीक रूप से राम सीता के स्वरूप झूले पर विराजमान हुए तो पारम्परिक झूलन गीतों से मणि पर्वत गूंज उठा।
रामनगरी अयोध्या स्थित मणि पर्वत एक बार फिर प्रभु श्री राम के झूलनोत्सव का साक्षी बना। 12 दिन चलने वाले इस खास उत्सव में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। अयोध्या को छह जोन में बांटा गया है। लगभग 3000 सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। मणि पर्वत मार्ग पर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।
इससे पूर्व कनक भवन, दशरथ महल, हनुमत निवास और मणिराम दास छावनी सहित कई मंदिरों से भगवान की प्रतिमाएं निकाली गईं। मणि पर्वत पहुंचकर झूले पर प्रभु राम व सीता के स्वरूप विराजमान हुए। ये मनमोहक दृश्य देख झूलन गीतों का गायन शुरू हुआ। ढोलक मंजीरे की धुन पर झूला झूले रघुराई आदि गीतों से मणि पर्वत गूंजता रहा। इस मौके पर भारी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं। इससे पूर्व मणि पर्वत पर पेड़ों की डालियों पर डाले गए झूलों की विशेष साज सज्जा की गई। इन पर विराजमान श्रीराम व सीता की मोहक छवि के आगे राम भक्तों के साथ संतों का समूह भी भजन, कीर्तन में शामिल हुआ। आज शुरू हुआ झूलनोत्सव नौ अगस्त रक्षाबंधन तक चलेगा।