अंशुल मौर्य
वाराणसी, 12 नवंबर 2024:
काशी में कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि देवउठनी एकादशी पर श्याम मंदिर में खाटू श्याम का जन्मोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर में विशेष तैयारियां की गईं। प्रभु के विग्रह को रंगबिरंगे फूलों से सजाया गया। दरबार में भजनों का कार्यक्रम हुआ, तो प्रभु का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया। इसके बाद मक्खन मिश्री का भोग लगाकर भक्तों में वितरण हुआ।
इससे पहले 11 दिवसीय निशान शोभायात्रा के अंतिम दिन श्याम नाम गूंज के साथ मैदागिन स्थित पातालेश्वर मंदिर से श्री श्याम ध्वजा विशाल शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में भजन कीर्तन के बीच भक्तों ने गाया ‘हारे हारे हारे हारे का सहारा तू…, मोर छड़ी लहराई रे…, सांवरे की महफिल को सांवरा सजाता है। गीत की धुनों पर शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालु भक्तिभाव से झूमते रहे। बैंड बाजे में श्याम नाम की धुन गूंज रही थी। रास्ते भर भजन लहर लहर लहराई रे श्याम ध्वजा लहराई रे… की धुन गूंजती रही।

शोभायात्रा में फूलों से सजी गाड़ी पर भगवान कृष्ण रूपी प्रभु श्याम की तैलीय चित्र रखा गया था। यह गाड़ी शोभायात्रा में आगे-आगे चल रही थी। इसके पीछे समाज की महिलाएं, पुरुष, बच्चे श्याम ध्वजा लिए चल रहे थे । महिलाएं सजी थाली लिए चल रही थीं। रथ पर राधा कृष्ण और शंकर पार्वती गणेश जी की जीवन्त झांकी चल रही थी। रास्ते भर श्रद्धालुओं ने भगवान के तैलीय चित्र और शोभा यात्रा पर पुष्प अर्पित किया।
शोभायात्रा बुलानाला, चौक, बांसफाटक, गोदौलिया, गिरजाघर होते हुए लक्सा स्थित श्री श्याम मंदिर में जाकर समाप्त हुई। इसके बाद प्रभु के चरणों में निशान अर्पण की गई। प्रभु की आरती उतारी गई। श्याम चालीसा पढ़ा गया। शोभायात्रा में दीपक बजाज, अजय खेमका, संदीप शर्मा, सुरेश तुलस्यान, पवन कुमार अग्रवाल, प्रवीण मांखरिया, मदन मोहन पोद्दार, राजेश तुलस्यान समेत कई लोग शामिल रहे।