आदित्य मिश्र
अमेठी, 27 मई 2025:
यूपी के अमेठी संसदीय क्षेत्र में बीते चुनाव में शिकस्त खाने के लंबे अरसे बाद सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पहुंचीं। उन्होंने गौरीगंज में रानी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा लिया व कार्यकर्ताओं से मिलीं। इस दौरान उन्होंने जोश भरते हुए कहा कि उनका यहां से रिश्ता खून का न सही लेकिन पसीने और भरोसे का है। उन्होंने जगदीशपुर के पालपुर गांव जाकर हादसे में तीन सदस्यों को गंवाने वाले परिवार से मुलाकात की। गले लगकर रो पड़ी बेटी के आंसू भी पोछे।
रिश्ता खून का नहीं पसीने व भरोसे का है
बीते साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी गौरीगंज में जनसभा में शामिल हुईं और जनता को संबोधित किया। स्मृति ईरानी ने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता “मैं मजदूर हूं, मुझे देवों की बस्ती से क्या’ से सम्बोधन की शुरुआत कर कहा कि “मुझे इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बुलाया गया, लेकिन मेरा रिश्ता अमेठी से अतिथि जैसा नहीं, बल्कि संघर्ष और सम्मान का है। यह रिश्ता खून का नहीं, पर पसीने और भरोसे का है। जब वे पहली बार 2014 में अमेठी आई थीं, तो उनके पास चुनाव प्रचार के लिए केवल 22 दिन थे, लेकिन अमेठी की जनता ने उन्हें ‘दीदी’ बना लिया।
राष्ट्रीय रक्षा कोष में पेंशन देने का लिया संकल्प
अमेठी में बीते वर्षों में हुए विकास कार्यों में एके-203 राइफल फैक्ट्री, कोका-कोला यूनिट, इंडस्ट्रियल एरिया का विस्तार, सैनिक स्कूल, मेडिकल कॉलेज, और नए रेलवे स्टेशन जैसी योजनाएं शामिल हैं। साथ ही उन्होंने यह भी साझा किया कि सांसद रहते हुए उन्होंने अपनी पेंशन राष्ट्रीय रक्षा कोष में देने का संकल्प लिया है। पार्टी की असली ताकत कार्यकर्ता हैं, जिनके समर्पण और संघर्ष से संगठन आज इतनी ऊंचाइयों पर पहुंचा है। इससे पूर्व इनहौना कस्बा, उतेलवा मोड़ और जगदीशपुर चौराहे समेत कई स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं और बुके के साथ उनका स्वागत किया।
पालपुर गांव में मृतकों के परिवार से मिलीं, गले लगकर फफक पड़ी बेटी
स्मृति ईरानी जगदीशपुर क्षेत्र के पालपुर गांव भी पहुंचीं, जहां रविवार को गंगा में डूबने से चंद्र कुमार कौशल (60), उनके भाई बाल चंद्र कौशल (42) और भतीजे अर्यांश (13) की दर्दनाक मौत हो गई थी। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और ढांढस बंधाया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस दुख की घड़ी में वे परिवार के साथ खड़ी हैं और सरकार की ओर से आपदा राहत के तहत शीघ्र ही चार-चार लाख रुपये की सहायता दिलाई जाएगी। हादसे में पिता को खो चुकी एक बेटी उन्हें देखकर फफक पड़ी। भावुक क्षणों में स्मृति ईरानी ने उसे गले से लगाकर सांत्वना दी।