कुछ लोग चाहते हैं कि मेरे और प्रधानमंत्री में दूरी बढे लेकिन यह संभव नहीं : चिराग पासवान

ankit vishwakarma
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बिहार, 22 अक्टूबर, 2024

लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बडा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग चाहते है कि मेरे और प्रधानमंत्री के बीच में दूरी बढे लेकिन यह संभव नहीं है। उन्होंने यह बातें मंगलवार को बिहार की राजधानी पटना में लोक जनशक्ति पार्टी के राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग के बाद कही। बता दे की यह लोक जनशक्ति पार्टी  की प्रदेश स्तरीय बैठक थी। आगामी 28 नवंबर को पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान में एक बड़ी रैली का आयोजन होगा। चिराग ने कहा कि गांधी मैदान की रैली के बाद लोक जनशक्ति पार्टी पूरी तरीके से चुनावी मोड में आ जाएगी। प्रत्याशियों के चयन, सीटों के चयन की प्रक्रियाएं इस रैली के बाद शुरू हो जाएगी। चिराग ने कहा कि एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि कई ऐसे लोग हैं जो चाहते हैं कि मेरे और प्रधानमंत्री के बीच में दूरियां आए। मैं स्पष्ट तौर पर यह कहना चाहता हूं कि उनका यह सपना कभी पूरा नहीं होगा। मैं अपने प्रधानमंत्री से किसी भी तरह तरीके से विवाद में जाऊं, यह संभव ही नहीं है। मैं अभी कई जगह देखता हूं कि झारखंड को लेकर एक सीट दी तो चिराग पासवान नाराज हैं, ऐसी बातें आती हैं। जबकि मैं और मेरी पार्टी न केवल खुश है बल्कि पूरी तरीके से संतुष्ट है कि भाजपा ने एक दूसरे राज्य में भी लोक जनशक्ति पार्टी को वही सम्मान दिया, जो सम्मान वह रामविलास पासवान को रहते हुए देते थे। उन्होंने बल्कि इस बार और सम्मान को बढ़ा दिया है। 2014 में भी हम लोगों को एक सीट झारखंड में दी गई थी। वह सीट शिकारीपाडा की थी। चिराग ने कहा कि उस वक्त पार्टी बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं थी। इस बार मुझे इस बात की खुशी है कि जो सीट हम लोगों ने चुनी थी, उसी में से हम सीट चाहते थे कि गठबंधन के तहत लड़ने का मौका दिया जाए। बता दे कि 24 तारीख को वहां पर नामांकन है और उस नामांकन में भी मैं झारखंड जाऊंगा साथ ही उन्होनें विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरीके से बंटा हुआ विपक्ष दिखाई दे रहा है। सीटों के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाने से भी यह लोग बाज नहीं आ रहे हैं। यह गठबंधन किस प्रकार का है जहां पर राजद और कांग्रेस खुलकर एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लग रहे हैं। जो गठबंधन एक दूसरे के साथियों को चुनाव में लडने तक का सम्मान नहीं दे पा रहा है। वह कैसे एक मंच पर आकर वोटरों को समझाएंगे?

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