
लखनऊ, 14 अगस्त 2025:
यूपी विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ पर 24 घंटे की चर्चा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुलकर तारीफ और उन पर भरोसा जताने वाली सपा की विधायक पूजा पाल को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में दल से गुरुवार को निष्कासित कर दिया है। इस संबंध में सपा मुखिया अखिलेश यादव की ओर से आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है।

सदन में चर्चा के दौरान पूजा पाल ने कहा था कि मुख्यमंत्री योगी ने जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई, जिसके चलते उन्हें और कई अन्य महिलाओं को न्याय मिला। उन्होंने प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का उल्लेख करते हुए कहा, “मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को मुख्यमंत्री ने मिट्टी में मिला दिया। जब मैं लड़ाई से थकने लगी थी, तब उन्होंने मुझे न्याय दिलाया। आज पूरा प्रदेश मुख्यमंत्री की ओर भरोसे से देख रहा है।”
सूत्रों के अनुसार पूजा पाल के इस बयान से सपा नेतृत्व असहज था, क्योंकि पार्टी लगातार प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर हमला करती रही है। मानसून सत्र में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भी आरोप लगाया था कि प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जाति और धर्म देखकर की जा रही है।
निष्कासन आदेश में कहा गया है कि पूजा पाल का यह कदम पार्टी विरोधी और गंभीर अनुशासनहीनता है। आदेश के अनुसार उन्हें तत्काल प्रभाव से सपा की सदस्यता और सभी पदों से हटा दिया गया है। अब वह पार्टी के किसी भी कार्यक्रम या बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगी और न ही उन्हें आमंत्रित किया जाएगा।






