
संतोष देव गिरि
मिर्ज़ापुर, 23 दिसम्बर 2024:
यूपी के हिंदूवादी नेताओं में अहम पहचान रखने वाले और हर वर्ग के लिए डटकर खड़े होने वाले मनोज श्रीवास्तव की अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया से मुलाकात ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पूर्व प्रदेश संगठन मंत्री और राष्ट्रवादी मंच के संस्थापक मनोज श्रीवास्तव का तोगड़िया से मिलना सिर्फ एक औपचारिक भेंट नहीं माना जा रहा।
मनोज श्रीवास्तव, जो पहले विहिप और भाजपा से जुड़े थे, कुछ समय पहले इन संगठनों से दूरी बना चुके थे। उनकी नीतियों से असहमति और जनहित के मुद्दों पर पार्टी से नाराजगी ने उन्हें अलग राह पर चलने के लिए प्रेरित किया। लेकिन तोगड़िया के साथ हुई इस मुलाकात ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या वह हिंदूवादी संगठन में अपनी पुरानी भूमिका में लौटने की तैयारी कर रहे हैं?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात हिंदूवादी ताकतों को फिर से संगठित करने का संकेत हो सकती है। वहीं, भाजपा और विहिप के भीतर नए समीकरणों की अटकलें भी तेज हो गई हैं। दूसरी ओर, विरोधी दलों में भी इस मुलाकात को लेकर बेचैनी देखी जा रही है।
मनोज श्रीवास्तव की लोकप्रियता और संगठनात्मक कौशल उन्हें मिर्ज़ापुर और आसपास के क्षेत्रों में एक प्रभावशाली नेता बनाता है। उनकी सियासी सक्रियता और जनहित के मुद्दों पर संघर्ष करने की छवि ने उन्हें जनता के बीच एक अलग पहचान दी है। इस मुलाकात के बाद यह चर्चा भी तेज हो गई है कि क्या वह आगामी चुनावों में किसी अहम भूमिका में दिखाई देंगे।
मनोज श्रीवास्तव का नाम विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के करीबी लोगों में शामिल है। सिंघल की विशेष टीम का हिस्सा होने के कारण मनोज श्रीवास्तव संगठन के भीतर मजबूत पकड़ रखते हैं। ऐसे में डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया और संघ प्रमुख मोहन भागवत के हालिया मुलाकातों के संदर्भ में इसे बड़ी सियासी योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
हालांकि, इस मुलाकात को लेकर किसी भी पक्ष की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अब देखना यह है कि यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक भेंट थी या प्रदेश की राजनीति में किसी नए अध्याय की शुरुआत। आने वाले दिनों में यह तय होगा कि मिर्ज़ापुर की जनता और प्रदेश की राजनीति इस मुलाकात के प्रभाव को कैसे देखती है।






