नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025 – अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ अटैक का असर लगातार दूसरे दिन भी वैश्विक शेयर बाजारों पर दिखाई दिया। गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट के बाद शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार भी क्रैश हो गया। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में ही 800 अंक से अधिक गिरकर 75,614 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 304 अंक टूटकर 22,946 पर कारोबार कर रहा था। इसी दौरान रुपये में भी गिरावट दर्ज की गई और यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.99 के स्तर पर आ गया।
अमेरिकी शेयर बाजार में यह गिरावट मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी बताई जा रही है। इसमें निवेशकों को करीब 2.4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। वहीं एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली, जापान के निक्केई में 3.14% और कोरिया के कॉस्पी में 0.8% की गिरावट आई।
भारतीय बाजार में टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, इन्फोसिस, लार्सन एंड टुब्रो, मारुति और टेक महिंद्रा के शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जबकि एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में हल्की तेजी दिखी। टाटा स्टील में 4.5% और ओएनजीसी में 6% की गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिका के नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स में 5.97% की गिरावट आई, जो कोरोना महामारी के बाद एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट में से एक है। एसएंडपी 500 और डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में भी जून 2020 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई। विदेशी निवेशकों ने गुरुवार को भारतीय बाजार से 2,806 करोड़ रुपये के शेयर निकाले, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने केवल 221 करोड़ रुपये की खरीदारी की।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर वैश्विक बाजारों में यह गिरावट जारी रहती है, तो भारतीय बाजार पर भी इसका प्रभाव बना रहेगा।