पटियाला,पंजाब 23 सितंबर, 2024:
कु० स्मृति,
पंजाब में धान की कटाई शुरू होते ही पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो गया है। पराली जलाने की घटनाएं इतनी तेजी से बढ़ी हैं कि इसका धुआं शहरों तक पहुंचने लगा है। गत 19 सितंबर तक केवल 15 मामले आए थे, वहीं रविवार को इनकी संख्या 63 तक पहुंच गई। एक ही दिन में 11 केस सामने आए। सबसे ज्यादा 45 केस अमृतसर में आए हैं।
अभी केवल उन जिलों में कटाई शुरू हुई है, जहां धान की अगली फसल की बिजाई की गई थी। इनमें अमृतसर, तरनतारन और फिरोजपुर हैं। सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए तमाम अभियान चलाए। किसानों को जागरूक किया गया, लेकिन नतीजा बहुत अच्छा नहीं रहा। अब सरकार ने कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। पराली जलाने के दोषी किसान को नए असलहा लाइसेंस लेने और रिन्यू करवाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कार्रवाई पराली जलाने वाले की हैसियत के अनुसार होगी। अगर कोई सामान्य किसान पराली जलाता है तो पांच से दस हजार रुपये प्रति एकड़ जुर्माना, रेड एंट्री और एफआइआर दर्ज होगी।
गांव के सरपंच, पंच नंबरदार, आढ़ती और सरकारी कर्मचारी पराली जलाते हैं तो रेड एंट्री के अलावा विभागीय कार्रवाई होगी। अगर पंचायती जमीन ठेके पर लेने वाले पराली जलाते हैं तो ठेका रद कर ठेके की रकम भी जब्त होगी।
डीसी को रिपोर्ट कर रहे अधिकारी चेयरमैन
पीपीसीबी के चेयरमैन डा. आदर्शपाल विग ने बताया कि पराली प्रबंधन पर इस वर्ष काफी काम किया गया है। गांव स्तर पर पराली को उठाकर ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने की रूपरेखा तैयार की गई है। अधिकारियों की साइट विजिट की रिपोर्ट के आधार पर डीसी कार्रवाई कर रहे हैं।
2023 में थे केवल सात मामले
अगर पिछले तीन वर्षों की बात करें तो वर्ष 2022 में 22 सितंबर तक पराली जलाने के 136 मामले थे। 22 सितंबर 2023 में केवल सात मामले सामने आए थे। इस वर्ष 22 सितंबर तक 63 मामले सामने आ चुके हैं।