आशुतोष तिवारी
सुल्तानपुर, 1 फरवरी 2025:
यूपी के सुल्तानपुर जिले में जयसिंहपुर एसडीएम कोर्ट के पेशकार समरजीत पाल को कोर्ट से राहत मिली है। पांच हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए पेशकार को लखनऊ हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।
25 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का था आरोप
अयोध्या एंटी करप्शन टीम ने तहसील परिसर के पास से
गत दो दिसंबर को समरजीत पाल को गिरफ्तार किया था। मोतिगरपुर के पारस पट्टी निवासी मोहर्रम अली की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पिता की जमीन पर उनके चाचा अवैध कब्जा कर निर्माण करा रहे हैं। इस मामले में सरकारी बंटवारे और स्थगन आदेश के लिए 22 नवंबर को मोहर्रम अली के पिता ने एसडीएम जयसिंहपुर को आवेदन दिया था। आरोप है कि पेशकार समरजीत पाल ने इसके बदले 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी, जिसमें से 5 हजार रुपये पहले देने को कहा।
एसडीएम पर भी हुई थी कार्रवाई
मोहर्रम अली ने 28 नवंबर को एंटी करप्शन टीम को सूचना दी। जांच में आरोप सही पाए गए। 2 दिसंबर को टीम ने पेशकार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। इस मामले में एसडीएम जयसिंहपुर संतोष कुमार ओझा को भी शासन ने निलंबित कर दिया था। पेशकार समरजीत पाल पहले ही निलंबित हो चुका था।
वकील ने कोर्ट में दिया ये तर्क
हाईकोर्ट में आरोपी के वकील अश्विनी कुमार सिंह ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को झूठे मामले में फंसाया गया है। रिश्वत की रकम घटनास्थल के बजाय पुलिस स्टेशन में हैंड वॉश के दौरान बरामद की गई। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि आरोपी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने समरजीत पाल को जमानत दे दी।