
प्रतापगढ़,28 मार्च 2025
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने उनके खिलाफ गुजरात पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया। यह एफआईआर उनके इंस्टाग्राम पोस्ट ‘ऐ खून के प्यासे बात सुनो’ को लेकर दर्ज की गई थी। अदालत ने अपने फैसले में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विचारों की अभिव्यक्ति के महत्व पर जोर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इमरान प्रतापगढ़ी की कविता में कोई विवादित बात नहीं है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही बहुत से लोग किसी के विचारों को नापसंद कर सकते हैं, लेकिन विचारों की अभिव्यक्ति के अधिकार का सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि कविता, नाटक, फ़िल्म, व्यंग्य और कला सहित साहित्य मनुष्य के जीवन को और अधिक सार्थक बनाता है।
एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि इमरान प्रतापगढ़ी ने 29 दिसंबर को अपने एक्स हैंडल पर एक 46 सेकंड का वीडियो क्लिप पोस्ट किया था, जिसमें पृष्ठभूमि में ‘ऐ खून के प्यासे बात सुनो’ गीत बज रहा था। उन्होंने यह पोस्ट जामनगर में आयोजित सामूहिक लगन समारोह में शिरकत करने के बाद की थी।
वीडियो में दिखाया गया था कि जब इमरान प्रतापगढ़ी हाथ हिलाते हुए चल रहे थे, तब उन पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाई जा रही थीं और पृष्ठभूमि में गीत बज रहा था। उन्होंने एफआईआर रद्द करने की याचिका में दावा किया कि इस वीडियो में प्रेम और अहिंसा का संदेश दिया गया है।






