
नई दिल्ली, 5 अगस्त 2025:
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनके उस दावे पर स्पष्टीकरण मांगा जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर कब्जा कर लिया है। कोर्ट ने पूछा कि उनके पास इस दावे का आधार क्या है? इस सवाल के बाद राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ गई है और कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने राहुल गांधी के इस दावे के तीन ठोस आधार बताए हैं। पहला आधार यह है कि राहुल जब अपने पिता राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर पैंगोंग झील, लेह-लद्दाख पहुंचे थे, तो उन्हें स्थानीय गड़रियों और निवासियों ने बताया कि गलवान विवाद से पहले जिन क्षेत्रों में वे जाते थे, अब वे वहाँ नहीं जा सकते क्योंकि अब उन इलाकों में भारतीय सेना नहीं बल्कि चीनी सेना मौजूद है।
दूसरा आधार बीजेपी सांसद तापिरगामी का लोकसभा में दिया गया बयान है जिसमें उन्होंने खुद स्वीकार किया था कि भारत की कुछ ज़मीन पर चीन का कब्जा है।
तीसरा आधार राहुल गांधी की उन रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों से मुलाकात है जो उन सीमावर्ती इलाकों में तैनात रह चुके हैं। इन अधिकारियों ने उन्हें बताया कि चीन ने किस प्रकार, कितनी गहराई तक और किन इलाकों में घुसपैठ की है, और अब भारत वहां पेट्रोलिंग तक नहीं कर पा रहा है।
इस पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट कर लिखा, “एक सच्चा भारतीय अपनी सरकार से सवाल पूछता है। संविधान हमें यह हक देता है और न्यायपालिका इसकी रक्षा करती है।” वहीं, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सरकार पर सवालों से भागने का आरोप लगाते हुए कहा कि संसद की चुप्पी के बाद जनता की आवाज़ सड़कों पर गूंजनी चाहिए।
कांग्रेस ने साफ किया है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी और सरकार से जवाब मांगती रहेगी, चाहे उसे देशभक्त कहा जाए या राष्ट्रविरोधी।






