
नई दिल्ली, 25 मार्च 2025
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की आलोचना की है, क्योंकि उसने 2016 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डॉक्टर की हत्या के मामले में उनकी विधवा को अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं किया। यह राशि तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा 50 लाख रुपये के भुगतान की स्वीकृति के बावजूद नहीं दी गई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया और नाराजगी व्यक्त की कि परिवार को नौ वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हालांकि राज्य सरकार ने मृतक के परिवार को छुट्टी नकदीकरण, भविष्य निधि, पारिवारिक पेंशन, ग्रेच्युटी और समूह बीमा जैसे लाभ दिए थे, लेकिन 50 लाख रुपये की स्वीकृत राशि का भुगतान नहीं किया गया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस गंभीर घटना को देखते हुए स्वीकृत राशि का भुगतान तुरंत किया जाना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने 1 करोड़ रुपये का मुआवजा निर्धारित किया, जिसमें ब्याज सहित शेष 89 लाख रुपये का भुगतान राज्य सरकार को करना होगा।
इस मामले में, राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि मृतक डॉक्टर के परिवार को पहले ही कुछ लाभ मिल चुके हैं और 10 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। राज्य सरकार ने मुआवजे की गणना में “मल्टीप्लायर मेथड” का उपयोग भी अव्यावहारिक बताया। सुप्रीम कोर्ट ने 5 मार्च को आदेश दिया कि राज्य सरकार 1 करोड़ रुपये का मुआवजा भुगतान करे, जिसमें से 11 लाख रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं। मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।
 
				 
					





