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Reading: मदरसे के छात्रों के NEET परीक्षा देने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित
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Uttar Pradesh

मदरसे के छात्रों के NEET परीक्षा देने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित

mahi rajput
Last updated: October 22, 2024 12:32 pm
mahi rajput 11 months ago
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प्रयागराज,22 अक्टूबर 2024

इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश के मदरसा ऐक्ट को असंवैधानिक घोषित करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि जब मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पर्याप्त स्कूल खोले जाएंगे, तो मदरसों का महत्व स्वाभाविक रूप से कम हो जाएगा।

अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि बच्चों को योग्य नागरिक बनाने की आवश्यकता पर कोई संदेह नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि हर बच्चा हमेशा धार्मिक शिक्षक नहीं बनेगा; एक 15 वर्षीय छात्र अपनी पसंद के करियर, जैसे कि एकाउंटिंग या दुकानदारी, के लिए इच्छा व्यक्त कर सकता है। उनकी इस इच्छा को नकारना उनके भविष्य के प्रति अन्याय होगा, जैसे कि “बच्चे को नहाने के पानी से बाहर फेंकने जैसा”।

यूपी सरकार ने मदरसा ऐक्ट का समर्थन करते हुए कहा कि भारत में मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और हिंदू संस्थान धार्मिक शिक्षा प्रदान करते हैं, जिसमें वेद, स्मृति, शास्त्र और उपनिषद पढ़ाए जाते हैं। कोर्ट ने भारत की विविधता पर जोर दिया।

सुनवाई के दौरान CJI ने पूछा कि क्या मदरसा का कोई छात्र NEET परीक्षा में शामिल हो सकता है। यूपी सरकार के वकील ने जवाब दिया कि इसके लिए छात्र को फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी (PCB) में पास होना आवश्यक है।

यूपी सरकार की ओर से पेश हुए वकील ASG नटराजन ने कोर्ट में कहा कि मदरसा ऐक्ट के केवल उन प्रावधानों की समीक्षा होनी चाहिए जो मौलिक अधिकारों के खिलाफ हैं, और इसे पूरी तरह से खारिज करना उचित नहीं है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विधायी शक्ति का मामला नहीं, बल्कि मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का है, इसलिए पूरे कानून को रद्द करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि सरकारी आदेश के तहत मदरसा स्कूलों को अन्य स्कूलों के समान माना गया है।

TAGGED:22 octSeminaryTo give neet examsuttar pradeshमदरसा स्टूडेंट
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