अंशुल मौर्य
वाराणसी, 17 दिसंबर 2024:
उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मुस्लिम बहुल मदनपुरा इलाके में स्थित एक पुराने मंदिर को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है। इस मंदिर की जानकारी सामने आने के बाद इलाके में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इस खबर को ‘द हो हल्ला’ पोर्टल पर पहले भी साझा किया गया था और अब इस मामले में नया अपडेट आया है।
सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि यह मंदिर लगभग 250 वर्ष पुराना है और काशी के विलुप्त हुए 18 मंदिरों में से एक है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस मंदिर की देखरेख किसके जिम्मे थी। मंदिर का स्थान मदनपुरा क्षेत्र में है, जो मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता है।
मंदिर के बारे में जानकारी फैलते ही मदनपुरा बाजार बंद करवा दिया गया और पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए। एडीएम सिटी आलोक और डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत करने के प्रयास कर रहे हैं। अजय शर्मा ने बताया कि सनातन रक्षक दल काशी में विलुप्त मंदिरों की खोज कर रहा है और यह मंदिर उनमें से एक है।
इस बीच, दोपहर 12:30 बजे बंगाली समाज की महिलाएं मंदिर पहुंचीं और उन्होंने शंखनाद किया। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग सड़क पर उतर आए और उनका कहना था कि मंदिर की पूजा से उन्हें कोई समस्या नहीं है, लेकिन बाहरी लोगों को इस इलाके में आकर हंगामा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पुलिस ने दोनों समुदायों को समझाकर शांति बनाए रखी और मंदिर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया।
इस मंदिर के बारे में स्थानीय जानकारों का कहना है कि यह स्थान 1977 के दंगे का साक्षी भी रहा है, जब तत्कालीन डीएम महेश प्रसाद पर गोली चलाई गई थी। वह दंगे की सूचना मिलने पर मदनपुरा पहुंचे थे, जहां एक मकान से उन पर गोली चलाई गई थी। यह घटना वाराणसी के इतिहास का एक महत्वपूर्ण और दुखद हिस्सा रही है।
मंदिर की जानकारी के मुताबिक, यह सिद्धेश्वर महादेव का मंदिर है, जिसका जिक्र काशी खंड में भी मिलता है। स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि यहां स्थित गोल चबूतरा पहले सिद्धेश्वर कूप हुआ करता था और इसकी स्थापत्य कला भी शिव मंदिर होने की पुष्टि करती है।
पुलिस ने इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और मंदिर के बारे में पूरी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।