Uttar Pradesh

लखीमपुर खीरी में आदमखोर बाघ का आतंक समाप्त, वन विभाग की मुहिम सफल

लखीमपुर खीरी, 13 नवम्बर 2024:

उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी के विभिन्न क्षेत्रों में आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर बाघ को आखिरकार वन विभाग की टीम ने पिंजरे में कैद करने में सफलता प्राप्त कर ली है। जिले के दुधवा टाइगर रिजर्व के मझगई वन रेंज में यह बाघ लगातार कई महीनों से दहशत का कारण बना हुआ था। इस खबर के फैलते ही आसपास के क्षेत्रों में खुशी और राहत का माहौल देखा गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और वन विभाग की टीम को धन्यवाद दिया, जिन्होंने लगातार मेहनत और रणनीति से इस बाघ को पिंजरे में कैद करने का काम किया। वन विभाग की टीम भी बाघ के पकड़े जाने के बाद तत्काल मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में रखा।

इस आदमखोर बाघ ने मझगई और उसके आसपास के कई ग्रामीण इलाकों में कई मवेशियों को अपना शिकार बना लिया था, जिससे लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डर महसूस कर रहे थे। ग्रामीणों के लिए यह बाघ किसी खौफनाक सपने जैसा बन गया था, और इसे लेकर लोगों में रोष और भय का माहौल था। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से कई बार शिकायत की और उनके प्रयासों की सराहना की, जो लगातार बाघ को पकड़ने के लिए जुटे हुए थे।

वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया था और चौखड़ा फार्म के पास के खेतों में एक बड़ा पिंजरा लगाया था। बाघ की गतिविधियों और उसके पैटर्न पर कड़ी नजर रखते हुए पिंजरे को इस प्रकार से व्यवस्थित किया गया था कि वह आसानी से उसमें फंस सके। बीती रात इस योजना ने सफलता पाई, जब बाघ उस पिंजरे में कैद हो गया।

बाघ के पकड़ में आने से न केवल ग्रामीणों ने राहत की सांस ली, बल्कि वन विभाग के अधिकारियों के लिए भी यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। लंबे समय से यह बाघ वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ था, और कई टीमें इसकी तलाश में जुटी हुई थीं। अब इस आदमखोर बाघ के पकड़ में आने के बाद से स्थानीय लोग अपने क्षेत्रों में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब इस बाघ को उचित देखभाल और जांच के लिए दुधवा टाइगर रिजर्व के विशेष स्थान पर ले जाया जाएगा, जहां इसकी पूरी जांच होगी। इस सफलता ने न केवल विभाग का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि वन्यजीव सुरक्षा के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर स्थापित किया है।

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