गोरखपुर,8 फरवरी 2025
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 14 साल की एक लड़की एक दुर्लभ बीमारी नेजल मैनिंगो इंसीफेलोसील से जूझ रही थी, जिसमें उसके दिमाग का एक हिस्सा नाक में प्रवेश कर गया था। इस कारण उसे बार-बार मेनिन्जाइटिस हो रहा था, जिससे तेज बुखार और झटके आने के बाद वह अचेत हो जाती थी। परिवारजन उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने सर्जरी की सलाह दी। 5 फरवरी को ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. आरएन यादव और उनकी टीम ने तीन घंटे तक चली जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
इस सर्जरी में पहली बार दूरबीन विधि का उपयोग किया गया, जिससे नाक के जरिए सिर की हड्डी तक पहुंचा गया। डॉक्टरों ने पाया कि नाक और सिर को जोड़ने वाली हड्डी (किनीफार्म प्लेट) में सुराख था, जिससे दिमाग का टिशू नाक में प्रवेश कर गया था। सर्जरी के दौरान इस अतिरिक्त टिशू को काटकर हटा दिया गया और हड्डी के सुराख की मरम्मत की गई। अब किशोरी की हालत खतरे से बाहर है और डॉक्टरों का कहना है कि वह जल्द स्वस्थ हो जाएगी।