Uttar Pradesh

भूमि विवाद में कोर्ट का फैसला खिलाफ आया… वृद्ध ने तहसील में खुद को लगाई आग

अंशुल मौर्य

वाराणसी, 22 अगस्त 2025:

यूपी के वाराणसी जिले में शुक्रवार की दोपहर राजातालाब तहसील परिसर में एक बुजुर्ग ने जमीन विवाद में कोर्ट का फैसला हारने के बाद खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। इस घटना से तहसील परिसर में हड़कंप मच गया। लोगों ने किसी तरह आग बुझाने की कोशिश की। हालांकि, तब तक बुजुर्ग करीब 50 फीसदी जल चुका था। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।

बैग में रखी थी पेट्रोल से भरी बोतल, पुलिस व वकीलों ने बुझाई आग

राजातालाब तहसील परिसर में ये घटना दोपहर करीब 1 बजे हुई। मिर्जामुराद के जोगापुर गांव निवासी 65 वर्षीय वशिष्ठ नारायण गौड़ तहसील परिसर में पहुंचे। उनके बैग में पेट्रोल से भरी एक बोतल थी, जिसे उसने अचानक खुद पर उड़ेल लिया। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, वशिष्ठ ने माचिस जलाकर खुद को आग के हवाले कर दिया। आग की लपटों में घिरे बुजुर्ग के चीखने-चिल्लाने की आवाज से तहसील परिसर में अफरातफरी मच गई। मौके पर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों और वकीलों ने तत्परता दिखाते हुए कपड़ों और मिट्टी की मदद से आग बुझाने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद आग तो बुझ गई, लेकिन तब तक वशिष्ठ गंभीर रूप से झुलस चुके थे।

जमीन विवाद बना आत्मघाती फैसले का कारण

बताया गया कि वशिष्ठ नारायण गौड़ का अपने पड़ोसी अरविंद बाबू के साथ लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इस मामले में तहसील कोर्ट में मुकदमा चल रहा था, लेकिन हाल ही में कोर्ट ने अरविंद के पक्ष में फैसला सुनाया। वशिष्ठ ने इस फैसले के खिलाफ जिलाधिकारी के समक्ष अपील की थी, लेकिन वहां भी उनकी अपील खारिज हो गई। इस दोहरे झटके से आहत वशिष्ठ ने शुक्रवार को तहसील पहुंचकर यह आत्मघाती कदम उठाया।

जलने के बाद भी पीड़ा बयान करता रहा वृद्ध

आग लगाने के बाद भी वशिष्ठ की आवाज में गुस्सा और निराशा साफ झलक रही थी। अस्पताल ले जाए जाने से पहले उन्होंने कहा, “मुझे कहीं से न्याय नहीं मिला। न तहसील में, न डीएम ऑफिस में। मेरे साथ बहुत अन्याय हुआ। मैं बहुत परेशान हूं। अगर जान से मार डालेंगे, तब प्रशासन कुछ करेगा?” उनकी यह बातें सुनकर मौके पर मौजूद लोग स्तब्ध रह गए।

कोर्ट से भाग गए तहसीलदार और कर्मचारी

घटना के बाद तहसील परिसर में अफरा- तफरी का माहौल बन गया। बताया जा रहा है कि तहसीलदार और कोर्ट के कई कर्मचारी हंगामे के बीच मौके से खिसक गए। तहसीलदार का कार्यालय खाली पड़ा हुआ है, और कर्मचारियों के बीच भी इस घटना को लेकर डर और असमंजस का माहौल है। घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक कोई भी अधिकारी इस मामले पर खुलकर बोलने से बच रहा है।

वृद्ध की सेहत व प्रशासन की जांच पर नजरें टिकीं

पुलिस और प्रशासन इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं। वशिष्ठ नारायण गौड़ की हालत नाजुक बनी हुई है, और डॉक्टर उनकी जान बचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, यह घटना वाराणसी ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। लोग इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासनिक सुधारों की जरूरत है। फिलहाल, सभी की निगाहें इस मामले की जांच और वशिष्ठ की सेहत पर टिकी हैं।

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