बहराइच, 9 अक्टूबर 2024:
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के नाजिरपुरा इलाके में पुलिस हिरासत में एक युवक की संदिग्ध मौत ने इलाके में तनाव पैदा कर दिया है। मृतक के परिवारजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई के कारण युवक की हालत गंभीर हो गई, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। परिवार और स्थानीय लोग इस मामले में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) टीम पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं और जब तक यह मांग पूरी नहीं होती, तब तक शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है।
घटना का विवरण:
शहर के नाजिरपुरा दक्षिणी मोहल्ले में रहने वाले हनीफ उर्फ शानू को पुलिस ने 3 अक्टूबर को जुआ खेलते हुए गिरफ्तार किया था। इस दौरान, पुलिस द्वारा चलाए गए छापेमारी अभियान में 12 लोग पकड़े गए थे, जिनमें हनीफ भी शामिल था।
यह छापेमारी एक बेकरी में हुई, जो जिला पंचायत सदस्य चुन्ना उर्फ गोगे की थी। मौके पर जिला पंचायत सदस्य की पत्नी सहित कई जुआरी पकड़े गए थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में से कुछ को पुलिस ने मौके पर ही मारा-पीटा था, जिसका आरोप हनीफ के परिवार ने भी लगाया है।
हनीफ की जमानत 6 अक्टूबर को हुई थी, लेकिन जमानत के बाद उसकी तबियत अचानक बिगड़ गई। परिजनों ने उसे बहराइच जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए लखनऊ रेफर कर दिया। 7 अक्टूबर को लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हनीफ की मौत हो गई।
पुलिस हिरासत में पिटाई का आरोप
मृतक हनीफ के परिवार का कहना है कि पुलिस हिरासत में उसे बेरहमी से पीटा गया था। इस पिटाई से उसके हाथ में फ्रैक्चर हो गया और पेट में गंभीर अंदरूनी चोटें आईं, जिसके कारण उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई।
हालांकि, एसपी का कहना है कि हनीफ पुलिस से भागने की कोशिश में ऊंचाई से कूद गया था, जिसके चलते उसे चोटें आईं। इसके बावजूद, इलाके में यह चर्चा है कि पुलिस की बर्बरता ही हनीफ की मौत का असली कारण है।
परिवार का प्रदर्शन और अंतिम संस्कार से इनकार
हनीफ की मौत के बाद परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वे एसओजी टीम के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
परिवारजन का स्पष्ट कहना है कि जब तक इस मामले में एसओजी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे हनीफ के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। सोमवार से लेकर अब तक परिवार और स्थानीय लोग हनीफ के शव के साथ घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
मंगलवार को, शव को लखनऊ से वापस लाया गया, लेकिन अंतिम संस्कार करने की बजाय परिवार ने शव को घर पर ही रखा हुआ है और विरोध प्रदर्शन जारी है। मां नफीसा, पिता नसीम और पत्नी दीपिका का रो-रोकर बुरा हाल है। वे न्याय की मांग कर रहे हैं और परिवार का भरण-पोषण करने वाले हनीफ की मौत को लेकर बेहद आहत हैं। परिवार के साथ मोहल्ले के लोग भी प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं।
प्रशासन की ओर से समझाने का प्रयास
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर मंगलवार शाम को नाजिरपुरा पहुंचीं। उन्होंने परिवार के सदस्यों और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और उन्हें समझाने का प्रयास किया। नगर मजिस्ट्रेट ने लोगों को आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने परिवार की मांगों को ध्यान में रखते हुए उनका ज्ञापन भी लिया।
हालांकि, परिवार और स्थानीय लोग इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए और बिना मुकदमा दर्ज किए शव का अंतिम संस्कार करने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक हत्या का मामला दर्ज नहीं किया जाता, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर एसपी ने बयान देते हुए कहा कि हनीफ की मौत पुलिस की पिटाई से नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जब पुलिस ने छापेमारी की तो हनीफ ने भागने की कोशिश की और इस दौरान वह ऊंचाई से गिर गया, जिससे उसे चोटें आईं। एसपी ने यह भी कहा कि मामले की जांच की जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के असली कारणों का पता चलेगा।
बहराइच में यह मामला फिलहाल तूल पकड़ता जा रहा है। एक ओर, परिवार और स्थानीय लोग पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दे रहा है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और देखना यह होगा कि प्रशासन इस संवेदनशील मामले को किस प्रकार सुलझाता है।