Uttar Pradesh

काशी में गंगा की धाराओं पर बिखरा आकाशदीपों का उजाला

वाराणसी, 18 अक्टूबर 2024

कार्तिक मास के प्रारम्भ होते ही बनारस के घाटों पर जगमगा उठते हैं आकाशदीप
गंगा के घाटों पर बांस पर लटकी जालीदार टोकरी में जलाए जाते हैं दीपक


काशी नगरी के पावन गंगा घाटों पर एक ओर शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी और दूसरी ओर घाटों पर लगे लंबे-लंबे बांसों पर जालीदार टोकरी में टिमटिमाते दीपक। सोचिए कैसा अद्भुत दृश्य होगा जब गंगा की धाराओं पर चांदनी और दीपकों की टिमटिम जुगलबंदी करती दिख रही होगी। बनारस के बुजुर्ग बताते हैं कि कार्तिक मास शुरू होते ही गंगा घाटों पर आकाशदीप जलाने की यह परम्परा सदियों से चली आ रही है। यम देव को प्रसन्न करने के लिए आकाशदीप प्रज्जवलित किए जाते हैं। लोग आकाशदीप जलाकर अपने पूर्वजों को भी याद करते हैं।

तुलसी पूजन का विशेष महत्व
सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है क्योंकि यह चार महीने तक चलने वाला चातुर्मास का आखिरी महीना होता है और जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस महीने में प्रतिदिन भगवान विष्णु एवं माता तुलसी की पूजा की जाती है। वहीं देव उठावनी एकादशी पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत होते हैं। इसके अगले दिन तुलसी विवाह मनाया जाता है। कार्तिक मास में तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार इस महीने में रोजाना सुबह शाम तुलसी में घी का दीपक जलाना चाहिए।

कार्तिक मास में मनाए जाते हैं कई बड़े पर्व
स्नान, ध्यान और दीपदान के कार्तिक मास में कई बड़े पर्व मनाए जाते हैं। इनमें करवा चौथ, धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, भैयादूज, छठ, देव उठावनी एकादशी और तुलसी विवाह जैसे व्रत-त्योहार खास हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से इस माह में सभी को प्रकाश देने वाले सूर्यदेव अपनी नीच राशि तुला में रहते हैं जिसके कारण वातावरण में प्रकाश का क्षय होता है और नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है, जिस कारण से इस माह में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा में कमी आती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

गंगा स्नान एवं दीपदान से बैकुंठलोक की प्राप्ति
पुराणों के अनुसार इस माह में भगवान विष्णु नारायण रूप में जल में निवास करते हैं। इसलिए कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक नियमित सूर्योदय से पहले गंगा स्नान के बाद दीपदान करने से अक्षय पुण्य एवं बैकुंठलोक की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार जो मनुष्य कार्तिक मास में प्रतिदिन गीता का पाठ करता है उसे अनंत पुण्यों की प्राप्ति होती है।

शहीदों की याद में जलाए गए आकाशदीप
गंगोत्री सेवा समिति की ओर से लोगों की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले पुलिस एवं पीएसी के 11 शहीदों की स्मृति में दशाश्वमेध घाट पर आकाशदीप जलाए गए। पांच वैदिक आचार्यों ने मां गंगा के षोडशोचार पूजन करने के बाद 101 दीपों को गंगा में प्रवाहित किया गया। आयोजन के विशिष्ट अतिथि प्रो. अजीत कुमार शुक्ला रहे। जिन शहीद जवानों की याद में आकाशदीप जलाए गए उनमें मुख्य आरक्षी शिवराज सिंह, मनीष यादव यातायात, योगेंद्र सिंह, ओमवीर सिंह, संजय कुमार, नरेश नेहरा, वीरेंद्र कुमार दुबे, आरक्षी आकाश तोमर, रवि कुमार, प्रकाश कुमार एवं उपनिरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी के नाम शामिल रहे।

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