
दिल्ली, 11 अगस्त 2025
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों की संख्या खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस बढ़ते खतरे पर सख्त रुख अपनाते हुए दिल्ली-NCR के अधिकारियों को अगले छह हफ्तों में 5000 आवारा कुत्तों को पकड़ने का आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि उच्च जोखिम वाले इलाकों को प्राथमिकता दी जाए और आठ हफ्तों के भीतर कुत्तों के लिए शेल्टर होम तैयार कर रिपोर्ट सौंपी जाए।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और हालिया सर्वेक्षणों के मुताबिक, शहर में आवारा कुत्तों की अनुमानित संख्या लगभग 10 लाख है। दो साल पहले यानी 2023 में यह संख्या करीब 6 लाख थी, जिसका मतलब है कि महज दो वर्षों में करीब 4 लाख की बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के अनुसार, 2023 में केवल 4.7 लाख कुत्तों की ही नसबंदी की गई थी, जबकि बड़ी संख्या अब भी अनियंत्रित है। इस लापरवाही के चलते कुत्तों के काटने और रेबीज के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है।
स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नोएडा में 2025 के शुरुआती पांच महीनों में ही 52,700 से ज्यादा लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा। गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी ऐसे मामलों में भारी उछाल देखा गया है। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के मुताबिक, दिल्ली में 2022 में कुत्तों के काटने के 6,700 मामले दर्ज हुए थे, जो 2024 में बढ़कर 25,000 तक पहुंच गए—यानी 277 प्रतिशत की वृद्धि।
साल 2023 में तत्कालीन मेयर शैली ओबेरॉय ने आवारा कुत्तों की संख्या 6 लाख होने की बात कही थी और खतरे को लेकर चेताया था। इसके बावजूद स्थिति और बिगड़ती चली गई। अब 10 लाख कुत्तों को पकड़ना, उनका टीकाकरण करना और शेल्टर होम में रखना नगर निगम के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उम्मीद है कि इस दिशा में तेजी से कदम उठाए जाएंगे, ताकि दिल्ली-NCR के लोगों को इस बढ़ते खतरे से राहत मिल सके।






