
वॉशिंगटन, 4 जुलाई 2025:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बहुप्रतीक्षित ‘बिग ब्यूटीफुल टैरिफ बिल’ अब कानून बन चुका है। इसे अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने 218-214 के बेहद करीबी अंतर से पारित किया। हालांकि ट्रंप इसे अमेरिका की आर्थिक मजबूती की दिशा में ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह बिल अमेरिका की ऊर्जा सुरक्षा को कमजोर करके चीन को अप्रत्याशित बढ़त दिला सकता है।
इस कानून के तहत सोलर, विंड और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में मिलने वाली टैक्स छूटों को खत्म किया जाएगा। ऐसे में जब दुनिया भर के देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लीन एनर्जी की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं, अमेरिका यह कदम उठाकर खुद को पीछे कर रहा है।
चीन, जो पहले से ही ग्रीन एनर्जी और AI सेक्टर में भारी निवेश कर रहा है, इस नीति से और मजबूत हो सकता है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन तेजी से “इलेक्ट्रोस्टेट” बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है—जहां उसकी पूरी ऊर्जा प्रणाली बिजली और स्वच्छ तकनीक पर आधारित होगी।
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने इस बिल की आलोचना करते हुए इसे “पूरी तरह पागलपन और विनाशकारी” करार दिया है। उनका कहना है कि यह भविष्य की तकनीकों पर हमला है, जो अमेरिका को ग्लोबल ऊर्जा और टेक्नोलॉजी पावरहाउस बना सकती थीं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस कानून के कारण 2035 तक बिजली की थोक कीमतें 50% तक बढ़ सकती हैं और 8.3 लाख से अधिक हरित ऊर्जा से जुड़ी नौकरियों पर असर पड़ेगा। टेक्सास जैसे राज्य जो सौर ऊर्जा में अग्रणी हैं, वे भी इससे प्रभावित होंगे।
इस कानून के पारित होने को ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की बड़ी जीत माना जा रहा है, लेकिन ऊर्जा विश्लेषकों की राय है कि यह कदम अमेरिका को तकनीकी और ऊर्जा प्रतिस्पर्धा में पीछे कर देगा और चीन को वैश्विक नेतृत्व सौंप देगा।






