
लखनऊ, 2 सितंबर 2025:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में 15 अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिली। इनमें सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हितों की रक्षा और उनके शोषण को रोकने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ के गठन का है।
यह निगम एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी होगी, जिसे नॉन-प्रॉफिटेबल संस्था के रूप में संचालित किया जाएगा। अब आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन सीधे विभागों के बजाय जेम पोर्टल के माध्यम से निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया से किया जाएगा। निगम के तहत नियुक्ति अवधि तीन वर्ष की होगी और कर्मचारियों का वेतन प्रत्येक माह की 1 से 5 तारीख तक सीधे उनके बैंक खाते में जमा किया जाएगा।
बैठक के बाद प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नई व्यवस्था में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को 16 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। ईपीएफ का अंशदान सीधे उनके खाते में जाएगा। इससे कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी और वेतन का पूरा भुगतान सुनिश्चित होगा।
कर्मचारियों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा। चयन प्रक्रिया में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांगजन, भूतपूर्व सैनिक और महिलाओं को नियमानुसार आरक्षण मिलेगा। महिलाओं को मैटरनिटी लीव का अधिकार भी दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा और सेवा के दौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर 15 हजार रुपये अंतिम संस्कार सहायता के रूप में प्रदान किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने बताया कि यह नई व्यवस्था न केवल लाखों युवाओं को बेहतर रोजगार अवसर प्रदान करेगी, बल्कि प्रदेश में सुशासन और पारदर्शिता का नया मॉडल भी स्थापित करेगी।






