लखनऊ, 23 नवंबर 2025:
ब्रिटेन में बसे और पाकिस्तान से संपर्क रखने वाले आजमगढ़ के मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा खान के अवैध भुगतान प्रकरण में यूपी सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। वर्षों तक वेतन और सेवानिवृत्ति लाभ दिलाने में लापरवाही और मिलीभगत पाए जाने पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक एसएन पांडेय और तीन तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों
(डीएमओ) साहित्य निकष सिंह, लालमन और प्रभात कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
वर्तमान में ये अधिकारी गाजियाबाद, बरेली और अमेठी में डीएमओ के पदों पर तैनात थे। इस मामले का खुलासा एटीएस और विभागीय जांच में हुआ। जांच में पता चला कि आजमगढ़ के मदरसा दारुल उलूम अहिले सुन्नत मदरसा अशरफिया मिस्बाहुल उलूम में कार्यरत शमशुल हुदा खान ने 19 दिसंबर 2013 को ब्रिटेन की नागरिकता ले ली थी। इसके बावजूद वह जुलाई 2017 तक अनियमित रूप से वेतन प्राप्त करता रहा।
इतना ही नहीं उसने चिकित्सा अवकाश, वीआरएस, जीपीएफ आदि के लाभ भी हासिल किए। जांच में यह भी सामने आया कि मदरसा सेवा के दौरान शमशुल ने ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सिंगापुर, श्रीलंका और खाड़ी देशों की यात्राएं कीं तथा 2–3 बार पाकिस्तान भी गया।
अनियमित सेवानिवृत्ति लाभ की मंजूरी में भूमिका पाए जाने पर संयुक्त निदेशक शेषनाथ पांडेय को निलंबित करने के साथ आयुक्त कार्यालय, झांसी से संबद्ध किया गया है। तीनों निलंबित डीएमओ को अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय लखनऊ से अटैच किया गया है। मालूम हो कि शमशुल हुदा खान से 16.59 लाख रुपये की रिकवरी के आदेश पहले ही जारी हो चुके हैं।






