लखनऊ, 8 दिसंबर 2025:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर बेहद कड़ा रुख अपनाते हुए एक विस्तृत और स्पष्ट संदेश जारी किया है। सोमवार को सार्वजनिक की गई अपनी ‘पाती’ में उन्होंने राज्य की सुरक्षा, सामाजिक संतुलन और कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए घुसपैठियों के खिलाफ निर्णायक अभियान शुरू करने की घोषणा की।
खास तौर पर रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध मौजूदगी पर चिंता जताते हुए योगी ने स्पष्ट किया कि इनके विरुद्ध पहचान, सत्यापन से लेकर डिटेंशन और निर्वासन तक की प्रक्रिया तेजी से चलाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने अपनी ‘पाती’ में प्रदेशवासियों से सीधे संवाद करते हुए कहा कि देश और प्रदेश के संसाधनों पर अधिकार हमारे नागरिकों का है, किसी भी घुसपैठिए का नहीं।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सर्वोच्च न्यायालय की हालिया टिप्पणी, जिसमें कहा गया कि घुसपैठियों के लिए लाल कालीन नहीं बिछाई जा सकती, राज्य सरकार की नीति को और अधिक स्पष्ट बनाती है। योगी ने माना कि अवैध विदेशी नागरिक सार्वजनिक संसाधनों पर अनावश्यक बोझ बनने के साथ राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी चुनौती हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में संदिग्ध विदेशी नागरिकों की सूची तैयार करें। इसी के साथ दस्तावेज सत्यापन का एक विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल पात्र भारतीय नागरिकों तक ही पहुंचे। किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या पहचान छुपाने का प्रयास रोका जा सके।
राज्य सरकार ने प्रदेश के हर मंडल मुख्यालय पर डिटेंशन सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन केंद्रों में चिन्हित घुसपैठियों को भेजा जाएगा, जहां से उनके विरुद्ध आगे की कानूनी कार्रवाई होगी। उसमें निर्वासन भी शामिल हो सकता है। योगी ने लिखा कि सार्वजनिक संसाधनों पर अनधिकृत बोझ की सफाई जरूरी है, ताकि वंचितों को मिलने वाले लाभ का वास्तविक हक उनसे छीना न जाए।
अपने संदेश के अंत में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे किसी भी व्यक्ति को नौकरी या किसी घरेलू या व्यावसायिक कार्य में लगाते समय उसके पहचान पत्र अवश्य जांच लें। उन्होंने इसे सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि सुरक्षा ही समृद्धि का आधार है.और इसे मजबूत रखना हम सबका दायित्व है।
पंचायत चुनावों और 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का यह व्यापक अभियान राज्य में सुरक्षा और नागरिक हितों के प्रति उनके गंभीर रुख का संकेत माना जा रहा है।






